बाल सुरक्षा पर सवाल: पश्चिमी सिंहभूम में 2025 में पोक्सो के 62 मामले, बाल अपराधों ने बढ़ाई चिंता
पश्चिमी सिंहभूम में 2025 के दौरान बाल अपराधों में alarming वृद्धि हुई है। पोक्सो एक्ट के तहत 62 मामले दर्ज हुए, जबकि 60 बाल तस्करी के मामले भी सामने आ ...और पढ़ें

फाइल फोटो।
जिले में दर्ज सभी 62 पोक्सो मामलों में फिलहाल न्यायालय में सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है। अधिकारियों का कहना है कि इन मामलों में त्वरित कार्रवाई की गई, लेकिन जांच के दौरान एक गंभीर तथ्य यह भी सामने आया कि अधिकांश मामलों में परिवार के सदस्य या करीबी रिश्तेदार ही आरोपी पाए गए।
बाल विवाह के खिलाफ अभियान के तहत जिले में 26 बाल विवाह के मामलों की पहचान की गई। समय रहते काउंसिलिंग और प्रशासनिक हस्तक्षेप से इन सभी मामलों को रोका गया। इसके अलावा चाइल्ड लेबर के सात मामलों का भी निपटारा किया गया, जिनमें बच्चों को खतरनाक या अवैध श्रम से मुक्त कराया गया।
बाल संरक्षण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2025 में 65 अनाथ बच्चों को वात्सल्य योजना से जोड़ा गया, ताकि उनके पालन-पोषण और शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। वहीं चार ऐसे परिवार भी सामने आए, जो अपने बच्चों का पालन-पोषण करने में असमर्थ थे। इन परिवारों ने स्वयं बच्चों को बाल संरक्षण विभाग के सुपुर्द किया।
सबसे अधिक झकझोरने वाली घटनाएं वे रहीं, जिनमें सात नवजात बच्चों को जन्म के बाद झाड़ियों में फेंक दिया गया। इन अमानवीय घटनाओं के बाद सभी बच्चों को सुरक्षित रूप से बाल संरक्षण विभाग के संरक्षण में लिया गया।
इस संबंध में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पुनीता तिवारी ने बताया कि वर्ष 2025 में बाल अपराध और संरक्षण से जुड़े जितने भी मामले सामने आए, उन सभी पर नियमानुसार कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि समाज को भी ऐसे मामलों के प्रति संवेदनशील होना होगा, क्योंकि बच्चों की सुरक्षा केवल कानून से नहीं, बल्कि सामूहिक जागरूकता से ही संभव है।

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