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    चाईबासा में शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, तीन शिक्षक निलंबित, वेतन भुगतान में अवैध वसूली का आरोप

    By SUDHIR KUMAR PANDEYEdited By: Shashank Baranwal
    Updated: Thu, 09 Oct 2025 10:36 PM (IST)

    पश्चिमी सिंहभूम जिले में शिक्षा विभाग ने तीन स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। इन शिक्षकों पर बकाया वेतन भुगतान के नाम पर अवैध वसूली का आरोप है। जिला शिक्षा पदाधिकारी टोनी प्रेमराज टोप्पो ने बताया कि शिकायतें मिलने के बाद जांच की गई, जिसमें आरोप सही पाए गए। उपायुक्त के अनुमोदन के बाद निलंबन की कार्रवाई की गई। विभाग ने भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की बात कही है।

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    बकाया वेतन भुगतान में अवैध वसूली के आरोप में तीन शिक्षक निलंबित। सांकेतिक फोटो

    जागरण संवाददाता, चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिले में शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त चंदन कुमार के निर्देश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी टोनी प्रेमराज टोप्पो ने तीन स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों को झारखंड सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2016 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

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    निलंबित शिक्षकों में राकेश कुमार (स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक, मारवाड़ी प्लस टू उच्च विद्यालय, चक्रधरपुर), आलोक आनंद मुण्डू (प्लस टू उच्च विद्यालय, कुल्डा बंदगांव) और फ्रेडरिक प्रदीप मिंज (प्लस टू उच्च विद्यालय, गोइलकेरा) शामिल हैं।

    निलंबन अवधि में तीनों का मुख्यालय क्रमश

    क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय कुमारडुंगी, जगन्नाथपुर और मनोहरपुर निर्धारित किया गया है। इस अवधि में उन्हें नियम 96 के तहत जीवन यापन भत्ता दिया जाएगा। 

    साथ ही उन्हें अपने मुख्यालय में बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य होगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी टोनी प्रेमराज टोपनो ने बताया कि निलंबित तीनों शिक्षकों द्वारा स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों के बकाया वेतन भुगतान के नाम पर शिक्षकों को भ्रमित कर उनसे अवैध राशि वसूली की गई थी। 

    इस संबंध में कई लिखित शिकायत एवं परिवाद पत्र कार्यालय में प्राप्त हुए थे। मामले की जांच के दौरान तीनों शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन उनका जवाब असंतोषजनक, भ्रामक और तथ्यहीन पाया गया। 

    इसके बाद उपायुक्त के अनुमोदन से तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि शिक्षा विभाग में अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषी पाए जाने पर आगे की कार्रवाई भी की जाएगी।

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