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    कंज्यूमर कोर्ट का बड़ा फैसला, एक्सीडेंट के समय Airbag नहीं खुलने पर लगाया महिंद्रा कंपनी पर जुर्माना

    Updated: Fri, 10 Jan 2025 09:14 AM (IST)

    साल 2021 में अभिषेक दोदराजका ने महिंद्रा कंपनी और उसके वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ उपभोक्ता अदालत में मामला दर्ज कराया था। 20 मई 2021 को हुए सड़क हादसे में उनकी स्कॉर्पियो का एयरबैग नहीं खुला था। कंपनी और इसके अधिकारियों ने तकनीकी कारणों का हवाला दिया था। उपभोक्ता न्यायालय ने इस पर सुनावाई करते हुए कंपनी को दोषी पाया और 1.5 लाख का जुर्माना लगाया है।

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    एयरबैग नहीं खुलने पर लगा महिंद्रा कंपनी पर जुर्माना

    संवाद सहयोगी, चाईबासा। महिंद्रा स्कॉर्पियो का गंभीर टक्कर के बावजूद एयरबैग नहीं खुलने पर सुरक्षा मानकों में लापरवाही को देखते हुए जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के न्यायालय चाईबासा ने कंपनी पर 1.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही आयोग ने कंपनी को सुरक्षा मानकों को बेहतर करने के लिए सख्त चेतावनी भी दी है।

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    2021 में दर्ज हुआ मामला

    दरअसल, कंपनी के लापरवाही को लेकर चाईबासा के बड़ा नीमडीह निवासी चार्टड एकाउंटेंट अभिषेक दोदराजका ने महिंद्रा कंपनी और उसके वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ उपभोक्ता अदालत में 2021 में मामला दर्ज किया था।

    एक्सीडेंट के दौरान नहीं खुला एयरबैग

    • दर्ज मामले में शिकायतकर्ता अभिषेक ने कहा था कि 2017 में महिंद्रा स्कॉर्पियो एस-10 खरीदी थी। 20 मई 2021 को हुई एक बड़ी सड़क दुर्घटना में वाहन का सामने का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन एयरबैग नहीं खुला था।
    • कंपनी और इसके अधिकारियों ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए कहा कि दुर्घटना की तीव्रता एयरबैग खोलने के लिए आवश्यक स्तर से कम थी।
    • शिकायतकर्ता का आरोप था कि महिंद्रा ने अपने वाहनों की सुरक्षा विशेषताओं के बारे में भ्रामक दावे किए, जिससे ग्राहक गुमराह हुए।

    तस्वीरों के आधार पर तय हुई हादसे की गंभीरता

    शिकायतकर्ता ने इसे कंपनी की लापरवाही और सुरक्षा मानकों में खामियों का मामला बताया था। वाहन निर्माता ने दावा किया कि दुर्घटना की तीव्रता एयरबैग खोलने की सीमा के भीतर नहीं थी।

    हालांकि, आयोग ने तस्वीरों और मरम्मत के अनुमानों के आधार पर तय किया कि दुर्घटना की गंभीरता अधिक थी और यह वाहन निर्माता की सेवा में कमी का स्पष्ट मामला है।

    अदालत ने पाया दोषी

    अदालत ने कंपनी को गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार का दोषी पाया। अदालत ने महिंद्रा कंपनी को न केवल ग्राहक की शिकायत का निवारण करने का निर्देश दिया।

    साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कदम उठाने का आदेश भी दिया। आयोग ने कहा कि यह घटना कंपनी की ओर से सुरक्षा तंत्र में कमी और लापरवाही को दर्शाती है।

    1.5 लाख का जुर्माना

    आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि महिंद्रा एंड महिंद्रा उन सभी वाहनों की जांच और आवश्यकतानुसार रिकॉल करे, जिनमें ऐसी समस्याएं हो सकती हैं, ताकि भविष्य में उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।

    आयोग ने वाहन निर्माता को आदेश दिया कि वह शिकायतकर्ता को एक लाख रुपये की राशि सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के लिए और पचास हजार रुपये मानसिक प्रताड़ना और जीवन को खतरे में डालने के लिए मुआवजे के रूप में अदा करे।

    उपभोक्ता न्यायालय में केस के बाद एलआइसी ने वादी को किया 15 लाख भुगतान

    जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग न्यायालय चाईबासा में भारतीय जीवन बीमा निगम के विरुद्ध शिकायत के बाद तत्काल वादी को 15 लाख रुपये का भुगतान कर दिया।

    चाईबासा के अमला टोला निवासी अजय बजाज को अपनी पत्नी के दिवंगत होने के बाद एलआइसी की परिपक्वता राशि के लिए लगातार कार्यालय का चक्कर लगाने के बावजूद पैसा का भुगतान नहीं किया जा रहा था।

    इसके बाद अजय बजाज ने उपभोक्ता न्यायालय चाईबासा में मामला दर्ज कराया। उपभोक्ता आयोग में मामला दर्ज करने की जानकारी होने के तत्काल बाद ही भारतीय जीवन बीमा निगम चाईबासा कार्यालय के द्वारा वादी को 15 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया।

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