Chakradharpur News: कमांडो ट्रेनिंग का ऑर्डर नहीं मानना RPF जवानों को पड़ा भारी, सीनियर डीएससी ने किया सस्पेंड
दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर रेल मंडल में कमांडो ट्रेनिंग आदेश की अवहेलना करने के कारण 10 आरपीएफ जवानों को निलंबित कर दिया गया है। सीनियर डीएससी पी शंकर कुट्टी ने यह कार्रवाई की। इन जवानों पर हज़ारीबाग और मानेसर स्थित एनएसजी बीएसएफ केंद्रों में ट्रेनिंग पर नहीं जाने का आरोप है। निलंबित जवानों को नियमानुसार निर्वाह भत्ता मिलेगा और मुख्यालय में हाजिरी लगानी होगी।
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर। दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर रेल मंडल में कार्यरत रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के 10 कांस्टेबलों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर डीएससी पी शंकर कुट्टी द्वारा की गई है।
वरीय अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना का आरोप
इन जवानों पर अपने वरीय अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना करने और हजारीबाग व मानेसर स्थित एनएसजी बीएसएफ केंद्रों में कमांडो कोर्स के लिए रिपोर्ट नहीं करने और ट्रेनिंग पर नहीं जाने का आरोप है।
इस वजह से इन पर आरपीएफ नियमावली 1987 के नियम 134(4) के तहत की गई है, जिसमें अनुशासनात्मक कार्रवाई लंबित होने या विचाराधीन होने की स्थिति में निलंबन का प्रावधान है।
इन 10 आरपीएफ जवानों को किया गया निलंबित
जिन आरपीएफ जवानों को निलंबित किया गया है, उनमें टाटा के सीपी प्रजापति, सीनी के रब्बानी खान, एमके चौहान, अमित कुमार, बंडामुंडा के सीबी सिंह, सोनू कुमार, राउरकेला के अमरजीत कुमार, जितेन्द्र कुमार, झारसुगुड़ा के गोपाल सिंह और डीके पंडित शामिल हैं।
सीनियर डीएससी ने जारी किया पत्र
निलंबन की कार्रवाई को लेकर सीनियर डीएससी ने पत्र भी जारी कर दिया है। पत्र में कहा गया है कि निलंबित किए गए आरपीएफ जवानों को निलंबन के दौरान नियमों के अनुसार 50 फीसद निर्वाह भत्ता मिलेगा।
साथ ही उन्हें हर दिन सुबह 10:30 बजे अपने संबंधित मुख्यालय में हाजिरी लगानी होगी। बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ने का सख्त आदेश भी सभी निलंबित आरपीएफ जवानों को दिया गया है।
यह मामला आरपीएफ में अनुशासनहीनता और आदेश पालन के मुद्दों को उजागर करता है। विभागीय जांच के बाद सभी निलंबित आरपीएफ पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बहरहाल जिस तरह से चक्रधरपुर रेल मंडल में आरपीएफ की कारगुजारी विभिन्न स्टेशनों से सामने आती रहती है उससे तो यही लगता है कि विभाग में अनुशासन की घोर कमी है। आरपीएफ के खाकी वर्दी पहनकर ज्यादातर आरपीएफ जवान गलत कार्यों को संरक्षण देने का काम करते हैं। जिस पर विभाग को सख्ती से कार्रवाई करने की जरुरत है।
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