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    चाईबासा कोर्ट में राहुल गांधी की सुनवाई टली, 9 अक्टूबर को होगा फैसला

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 12:11 PM (IST)

    चाईबासा के एमपी-एमएलए विशेष न्यायालय में राहुल गांधी से जुड़े मुकदमे की सुनवाई न्यायाधीश के अवकाश पर रहने के कारण टल गई। राहुल गांधी ने व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के लिए आवेदन किया है जिसपर अदालत 4 अक्टूबर को फैसला सुनाने वाली थी। अब इस मामले की अगली तारीख 9 अक्टूबर 2025 निर्धारित की गई है।

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    चाईबासा कोर्ट में राहुल गांधी की सुनवाई टली

     जागरण संवाददाता, चाईबासा। चाईबासा स्थित एमपी-एमएलए विशेष न्यायालय में भाजपा नेता अमित शाह पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर चल रहे केस में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की सुनवाई शनिवार को नहीं हो सकी।

    राहुल गांधी ने अपने विरुद्ध दर्ज मुकदमे में ट्रायल के दौरान निजी उपस्थिति से छूट के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (Cr.P.C.) की धारा 205 के तहत आवेदन दाखिल किया है। इस आवेदन पर अदालत को 4 अक्टूबर को फैसला सुनाना था। लेकिन न्यायाधीश के अवकाश पर रहने के कारण सुनवाई टल गई। अब इस मामले की अगली तारीख 9 अक्टूबर 2025 निर्धारित की गई है।

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    22 सितंबर को पूरी हुई थी बहस

    राहुल गांधी का केस देख रहे अधिवक्ता सुभाष चंद्र मिश्रा ने बताया कि इस प्रकरण में 22 सितंबर को दोनों पक्षों की दलीलें पूरी हो चुकी थीं और अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया था।

    इसके बाद 4 अक्टूबर को फैसला आना था, मगर न्यायाधीश की अनुपस्थिति के चलते सुनवाई नहीं हो सकी। अब सबकी निगाहें 9 अक्टूबर पर टिकी हैं, जब अदालत राहुल गांधी के आवेदन पर अपना निर्णय सुनाएगी।

    क्यों अहम है यह फैसला

    राहुल गांधी का यह आवेदन इसलिए अहम है क्योंकि यदि अदालत उन्हें व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे देती है, तो वे अपने संसदीय और राजनीतिक कार्यक्रमों में बिना किसी बाधा के हिस्सा ले सकेंगे।

    वहीं, यदि अदालत उनका आवेदन खारिज करती है, तो उन्हें आगे की सभी सुनवाइयों में अदालत के समक्ष पेश होना पड़ेगा।

    दोनों पक्षों की दलील

    कांग्रेस समर्थकों की नजरें भी इस फैसले पर टिकी हुई हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी राष्ट्रीय स्तर पर बेहद व्यस्त रहते हैं, ऐसे में उनके लिए हर सुनवाई में उपस्थित होना संभव नहीं है।

    दूसरी ओर, अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता केशव प्रसाद महतो का तर्क है कि कानून सबके लिए समान है, इसलिए राहुल गांधी को भी अदालत में नियमित रूप से उपस्थित रहना चाहिए।

    क्या है पूरा मामला

    गौरतलब है कि यह मामला 28 मार्च 2018 को कांग्रेस के एक कार्यक्रम में दिए गए राहुल गांधी के भाषण से जुड़ा है। इसमें भाजपा नेता अमित शाह के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर भाजपा नेता प्रताप कटियार ने चाईबासा सीजीएम कोर्ट में मानहानि का मामला दर्ज कराया था, जिसे बाद में एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट में स्थानांतरित किया गया।