Vande Bharat: वंदे भारत के यात्रियों के लिए खुशखबरी, इस रूट पर 8 की जगह 16 कोच के साथ चलेगी ट्रेन
चक्रधरपुर रेल मंडल के राउरकेला-पुरी-राउरकेला वंदे भारत एक्सप्रेस में 7 अगस्त से कोचों की संख्या बढ़ाई जाएगी। यात्रियों की बढ़ती मांग को देखते हुए रेलवे ने यह फैसला लिया है जिसके तहत अब 8 की जगह 16 कोच होंगे। इस बदलाव से यात्रियों को यात्रा करने में सुविधा होगी और अधिक लोगों को टिकट मिल पाएगा।

जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर। चक्रधरपुर रेल मंडल के राउरकेला से चलने वाली राउरकेला-पुरी-राउरकेला वंदे भारत एक्सप्रेस सात अगस्त से 08 की जगह 16 कोच के साथ चलेगी। इस संबंध में इस्ट कोस्ट रेलवे भुवनेश्वर के डिप्टी चीफ ऑपरेशंस मैनेजर संदीप कुमार ने अधिसूचना पत्र जारी कर दिया है।
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, यात्रियों की बढ़ती मांग और ट्रेन की लोकप्रियता को देखते हुए रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस को कोच में बढ़ोतरी कर चलाने का निर्णय लिया है। रेलवे के इस फैसले से न केवल यात्रा सुगम होगी, बल्कि सीटों की संख्या दोगुनी होने से अधिक यात्रियों को सफर करने का मौका मिलेगा।
- 07 अगस्त से राउरकेला से रवाना होने वाली ट्रेन नंबर 20835 राउरकेला-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस आठ की जगह 16 कोच के साथ चलेगी।
- 07 अगस्त से पुरी से रवाना होने वाली पुरी-राउरकेला वंदे भारत एक्सप्रेस आठ की जगह 16 काेच के साथ चलेगी।
वंदे भारत एक्सप्रेस में राउरकेला से जगन्नाथ पुरी जाने वाले यात्रियों के लिए टिकट उपलब्धता में सुधार होगा।
राउरकेला में बनेगा 400 करोड़ की लागत से वंदे भारत डिपो : जीएम
चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले राउरकेला में वंदे भारत ट्रेनों के मेंटेनेंस और संचालन के लिए अत्याधुनिक डिपो का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह जानकारी दक्षिण पूर्व रेलवे के जनरल मैनेजर अनिल कुमार मिश्रा ने दी।
जीएम ने कहा कि राउरकेला का चयन रणनीतिक दृष्टिकोण से किया गया है, क्योंकि यह क्षेत्र देश के पूर्वी और मध्य हिस्सों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन है। प्रस्तावित डिपो में वंदे भारत ट्रेनों की जांच, मरम्मत, सफाई और अन्य तकनीकी कार्यों की सुविधा होगी।
उल्लेखनीय है कि राउरकेला क्षेत्र में बंदे भारत का डिपो का निर्माण होने से जहां क्षेत्रीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। वहीं, यात्रियों को अधिक सुगम और समयबद्ध वंदे भारत सेवा का लाभ भी मिल पाएगा।
वहीं, निर्माण कार्य को आरंभ करने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा रूप रेखा तैयार की जा रही है। बंडामुंडा रेलखंड के खाली पड़ी जमीन पर इस डिपो का निर्माण किए जाने की ज्यादा संभावना है। यह डिपो दक्षिण पूर्व रेलवे के अधीन पहला बड़ा वंदे भारत डिपो होगा।
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