Bihar Railway: बिहार में रेलवे विकास को मिली नई रफ्तार, 86107 करोड़ की 52 परियोजनाओं को मंजूरी
केंद्र सरकार ने बिहार में रेलवे के विकास के लिए 86107 करोड़ रुपये की 52 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं में नई रेल लाइनें गेज परिवर्तन और दोहरीकरण शामिल हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन परियोजनाओं से राज्य में रेलवे की कनेक्टिविटी और सुरक्षा में सुधार होगा। बजट में वृद्धि और नई ट्रेनों के संचालन से बिहार में विकास को गति मिलेगी।

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में रेलवे अवसंरचना के विकास को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने 52 परियोजनाओं के लिए 86,107 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इनमें 31 नई रेल लाइनें, एक गेज परिवर्तन और 20 दोहरीकरण परियोजनाएं शामिल हैं, जिनकी कुल लंबाई 4,663 किमी है।
मार्च 2025 तक 1,014 किमी रेल लाइन चालू हो चुकी है और 29,353 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है। मुंगेर (2,774 करोड़), कोसी (516 करोड़) और पटना (3,555 करोड़) में प्रमुख नदी पुलों सहित कई परियोजनाएं पूरी हुई हैं।
यह जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में दी। उन्होंने बताया कि ये परियोजनाएं बिहार में रेलवे संरचना को मजबूत कर रही हैं, जिससे यातायात, सुरक्षा और कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
11 वर्षों में रेलवे बजट में नौ गुना वृद्धि
2009-14 की तुलना में 2014-25 के दौरान पिछले 11 वर्षों में बिहार में रेलवे के बजट में नौ गुना वृद्धि हुई है, जो 1,132 करोड़ रुपये प्रति वर्ष से बढ़कर 10,066 करोड़ रुपये हो गया। इस अवधि में 1,899 किमी नए रेल पथ कमीशन किए गए, जो 2009-14 के 318 किमी से 2.5 गुना अधिक है।
शिवहर-सीतामढ़ी रेल परियोजना में भी तेजी देखी जा रही है। 144 वंदे भारत ट्रेनों में से बिहार में 20 और 14 अमृत भारत एक्सप्रेस में से 10 ट्रेनें संचालित हो रही हैं, जो राज्य की कनेक्टिविटी को मजबूत कर रही हैं।
इसके अलावा, 2014-25 के दौरान 558 रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) व रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) पूरे किए गए और 6,014 करोड़ रुपये की लागत से 218 स्वीकृत हैं।
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत बिहार के 98 स्टेशनों का पुनर्विकास हो रहा है, जिनमें सहरसा, गया और मुजफ्फरपुर जैसे स्टेशनों पर नए भवन, फुट ओवर ब्रिज, और पार्किंग क्षेत्र का निर्माण तेजी से चल रहा है।
इन परियोजनाओं को गति देने के लिए उचित योजना, कुशल निष्पादन, और पर्याप्त धन सुनिश्चित किया गया है। रेलवे परियोजनाओं का सर्वेक्षण और निष्पादन क्षेत्रीय रेलवे के आधार पर होता है, जो सामाजिक-आर्थिक जरूरतों और परिचालन आवश्यकताओं को ध्यान में रखता है।
बिहार की प्रमुख परियोजनाएं और लागत
- मुंगेर ब्रिज (19 किमी) 2,774 करोड़
- कोसी पुल (22 किमी) 516 करोड़
- पटना ब्रिज (40 किमी) 3,555 करोड़
- हाजीपुर-बछवारा दोहरीकरण (72 किमी) 930 करोड़
- किऊल-गया दोहरीकरण (123 किमी) 1,200 करोड़
- कारोटापटनेर-मंकथा - सतह त्रिभुज (8 किमी) 129 करोड़
- रामपुरहाट-मंदारहिल नई लाइन और रामपुरहाट-मुरराय- तीसरी लाइन (160 किमी) 1,500 करोड़
- जयनगर-दरभंगा-नरकटियागंज एवं नरकटियागंज-भिखना तोरी गेज परिवर्तन (295 किमी) 1,193 करोड़
- सकरी-लौकाहा बाजार-निर्मली एवं सहरसा-फोर्ब्सगंज आमान परिवर्तन (206 किमी) 2,113 करोड़
- बख्तियारपुर फ्लाईओवर (4 किमी) 402 करोड़
- कोसी नदी पर पुल सहित कटारेह-कुर्सेला पैच दोहरीकरण, (7 किमी) 222 करोड़
- अररिया-गल्गलिया नई लाइन (111 किमी) 4, 415 करोड़
- किऊल-तिलैया रेलवे विद्युतीकरण (87 किमी) 105 करोड़
- वाल्मिकीनगर-सुगौली-मुजफ्फरपुर और सुगौली-रक्सौल रेलवे विद्युतीकरण (240 किमी) 351 करोड़
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