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    Shibu Soren के निधन से कोल्हान में शोक की लहर, मंत्री बोले-बिना दक्षिणा के ही...

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 03:59 PM (IST)

    दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से पूरा राज्य शोक में है कोल्हान के राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। नेताओं ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने आदिवासी समाज और झारखंड राज्य के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका जाना एक युग का अंत है और यह अपूरणीय क्षति है।

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    सिबू सोरेन के निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर

    संवाद सूत्र, चाईबासा। दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से पूरा राज्य शोकाकुल है। इसी कड़ी में कोल्हान के राजनीतिक दल के पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित किया है। मंत्री दीपक बिरुवा ने उन्हें ऐसा गुरु माना, जिन्होंने बिना गुरु दक्षिणा के लिए राजनीति में दक्ष बनाया।

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    उन्होंने कहा कि गुरुजी का जाना झारखंड ही नहीं देश के एक महान आदिवासी नेता के युग का अंत हो गया। उन्होंने 70 के दशक में जिस प्रकार लड़ाई लड़ कर आम लोगों को जागृत किया, उसका कोई जवाब नहीं है। उन्हें राज्य के महान क्रांतिकारी नेता के रुप में याद किया जायेगा। वह हमारे मन में हमेशा जिंदा रहेंगे, उनके दिखाये रास्ते से हम राज्य और देश का विकास कर सकते हैं।

    आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। बाबा हमारे मन में बसते हैं। गुरु ऐसे जिन्होंने बिना दक्षिणा के ही हम सभी को दक्ष बनाया, आप अमर हैं बाबा। आपका जाना मेरे लिए एक निजी क्षति है और आज हम आदिवासी समाज के हितों को पहचान दिलाने वाले दीपक की लौ भले ही बुझी हो, लेकिन उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को समस्त समाज सदियों तक अनुकरण करता रहेगा। - दीपक बिरुवा, मंत्री झारखंड सरकार।

    झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। उनका जाना न केवल झारखंड की राजनीति के लिए, बल्कि संपूर्ण समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। शिबू सोरेन जी ने आदिवासी समाज, किसानों, मजदूरों एवं वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। उनकी सरलता, संघर्षशीलता और दूरदर्शिता सदैव हमें प्रेरित करती रहेगी। - मधु कोड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड 

    आदरणीय बाबा, आज निशब्द हूं। झारखंड के पुरोधा दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर हमेशा हमेशा के लिए चले गए। उनके आदिवासी, दलित, पिछड़ों के प्रति प्यार और स्नेह असीमित था। उन्होंने पूंजीपतियों, महाजन प्रथा के विरुद्ध जोरदार आंदोलन कर देश में एक अलग आदिवासियों के बड़े नेता के रूप में अपनी पहचान छोड़ी। झारखंड राज्य अलग के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। उसका ही नतीजा है कि आज हम झारखंड अलग राज्य के रूप में देख रहे हैं। उनके त्याग, समर्पण ,बलिदान और राजनीतिक सोच को हमेशा झारखंड और भारत देश याद रखेगा। आज जो कुछ भी हूं, आपके आशीष और आपका अनुकरण कर हूं। आज एक युग का अंत हो गया। लेकिन आप सदा ही हम सभी के पूजनीय रहेंगे। – निरल पुरती, विधायक, मझगांव विधानसभा।

    झारखंड आंदोलन के प्रणेता, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। सिंगबोंगा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। उनका संपूर्ण जीवन जनता की सेवा, संघर्ष और झारखंड की अस्मिता को समर्पित रहा। आज पूरा झारखंड उनकी कमी को हमेशा महसूस करेगा। - सोनाराम सिंकु, विधायक जगन्नाथपुर विधानसभा।

    झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं आदिवासी समाज के महान नेता शिबू सोरेन जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद एवं पीड़ादायक है। ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। यह केवल झारखंड राज्य की ही नहीं, बल्कि पूरे देश की अपूरणीय क्षति है। उनके निधन से आदिवासी समाज ने अपना सच्चा अभिभावक खो दिया है। - गीता कोड़ा, पूर्व सांसद।

    हम सभी के लिये यह अत्यंत दुखद पल है, हम सभी के अभिभावक हमारे आदर्श दिशुम गुरु शिबू सोरेन जी हम सभी को छोड़ कर चले गए, एक युग का अंत हो गया। उनका जाना हम सभी के लिए, झारखंड के लिए और समस्त झमुमो परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती है। गुरु जी झारखण्ड के अग्रणी योद्धा रहे हैं, जो आखरी दम तक झारखंड के लिए लड़ते रहे हैं। वे हम सभी के दिल दिमाग में सदैव जिंदा रहेंगे। - सोनाराम देवगम, जिला अध्यक्ष, झामुमो, पश्चिम सिंहभूम।