पीएम मोदी ने चक्रधर रेल मंडल को दी बड़ी सौगात, ₹1,752 करोड़ की लागत से बिछेंगी नई पटरियां
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में चक्रधरपुर रेल मंडल के डांगुवापोसी-जरोली तीसरी और चौथी लाइन परियोजना को मंज़ूरी मिली। 1752 करोड़ की लागत वाली यह परियोजना लौह अयस्क खनन क्षेत्रों को जोड़ेगी और इस्पात उत्पादन को बढ़ावा देगी। इस परियोजना से पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी और माल ढुलाई क्षमता में वृद्धि होगी जिससे लॉजिस्टिक लागत में भी बचत होगी।

रूपेश कुमार विक्की, चक्रधरपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक से चक्रधरपुर रेल मंडल के लिए एक बड़ी और अच्छी खबर सामने आई है। गुरुवार को रेल मंत्रालय की चार महत्वपूर्ण बहुपटरी (मल्टीट्रैकिंग) परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है। जिसमें दक्षिण पूर्व रेलवे जोन के चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले डांगुवापोसी-जरोली तीसरी और चौथी लाइन भी शामिल है।
बताया गया है कि ये परियोजनाएं रेलवे नेटवर्क के विस्तार के साथ-साथ देश की लॉजिस्टिक्स क्षमता को बढ़ाने और विभिन्न राज्यों में आर्थिक गतिविधियों को गति देने के उद्देश्य से तैयार की गई है। चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले डांगुवापोसी- जरोली तीसरी और चौथी लाइन परियोजना की कुल लागत 1,752 करोड़ रूपये है।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी एक्स पर पोस्ट कर खुशी जताई है। उन्होंने इसके लिए पीएम मोदी का आभार जताया है।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 574 किलोमीटर की वृद्धि करते हुए झारखंड समेत महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा के 13 जिलों को कवर करने वाली चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को अनुमति… pic.twitter.com/uqfpdgCEJu
— Raghubar Das (@dasraghubar) July 31, 2025
लौह अयस्क खनन क्षेत्रों को जोड़ेगा ट्रैक
यह परियोजना झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम और उड़ीसा के केंदुझार जिलों के लौह अयस्क खनन बहुल क्षेत्र को जोड़ती है, जिससे देश के इस्पात उत्पादन क्षेत्र को बड़ा समर्थन मिलेगा। लगभग 43 किलोमीटर लंबाई की इस रूट पर 108 किलोमीटर रेल पटरी बिछाई जाएगी। जिसमें 7 स्टेशन, 10 बड़े पुल, 196 छोटे पुल, 8 अंडरपास, 4 ओवरपास और 2 रेल ओवर ब्रिज का निर्माण होगा।
पर्यावरण की भी होगी सुरक्षा
इस परियोजना के पूरा होने से सालाना 3.85 करोड़ लीटर डीज़ल की बचत होगी। जिससे 170 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड की बचत होगी, जो पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से एक बड़ी उपलब्धि होगी। साथ ही, यह परियोजना 50 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई की क्षमता प्रदान करेगी और लॉजिस्टिक लागत में लगभग 6,038 करोड़ की बचत इस नई रेल परियोजना से सुनिश्चित होगी।
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