माओवादियों का एलान! सरकार से नहीं होगी कोई शांति वार्ता, जारी रहेगा सशस्त्र संघर्ष
चाईबासा से मिली खबर के अनुसार माओवादी केंद्रीय प्रवक्ता अभय ने केंद्र सरकार के साथ शांति वार्ता से इनकार किया है। उन्होंने पोलित ब्यूरो सदस्य सोनू के वायरल प्रेस नोट को निजी फैसला बताया और कहा कि इसका केंद्रीय समिति से कोई संबंध नहीं है। अभय ने स्पष्ट किया है कि माओवादी संगठन हथियार नहीं डालेगा और न ही शांति वार्ता में भाग लेगा।

जागरण संवाददाता, चाईबासा। माआवादी केंद्रीय प्रवक्ता अभय ने केंद्र से शांति वार्ता संबंधित पोलित ब्यूरो सदस्या सोनू के वायरल प्रेस नोट से कोई संबंध नहीं होने की बात कही है।
उन्होंने कहा है कि वे हथियार नहीं डालेंगे। वे एक क्रांतिकारी समूह बने रहेंगे और वायरल प्रेस नोट से उनका कोई लेना-देना नहीं है। माओवादी केंद्रीय समिति ने केंद्र सरकार के साथ शांति वार्ता की संभावना को खारिज कर दिया है।
एक प्रेस नोट में अभय ने स्पष्ट किया है कि माओवादी संगठन हथियार नहीं डालेंगे या शांति वार्ता में भाग नहीं लेंगे। केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय ने इस संबंध में एक प्रेस बयान जारी किया और बताया कि पोलित ब्यूरो सदस्य सोनू ने उनके नाम से एक पत्र जारी किया है।
इस पत्र में उल्लेख किया गया है कि माओवादी संगठन हथियार डालकर केंद्र सरकार के साथ शांति वार्ता करेगा। लेकिन अब माओवादी संगठन ने कहा है कि सोनू द्वारा जारी पत्र को माओवादी संगठन महत्व नहीं देता।
जारी किया गया पत्र उनका निजी फैसला है और इसका केंद्रीय समिति के फैसले से कोई लेना-देना नहीं है। माओवादियों ने कहा है कि पहले सरकार ने वरिष्ठ माओवादी नेता बसवराजू के शांति वार्ता के प्रयासों को गलत तरीके से पेश किया था।
शांति वार्ता के नाम पर सरकार माओवादी संगठन में फूट डाल सकती है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि सशस्त्र संघर्ष छोड़ना उनके क्रांतिकारी आंदोलन को एक संशोधनवादी पार्टी में बदलने के समान होगा।
वे हथियार नहीं डालेंगे न ही शांति वार्ता में भाग लेंगे। माओवादियों ने कहा है कि शांति वार्ता के लिए जारी किया गया प्रेस नोट नक्सल संगठन का फैसला नहीं है।
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