Jharkhand Election Result: पश्चिमी सिंहभूम जिले में 13 साल में भाजपा ने बदले 7 जिलाध्यक्ष, एक ने भी नहीं दिलाई पार्टी को जीत
पश्चिम सिंहभूम जिले में भाजपा का संगठन कमजोर हो गया है जिससे पार्टी की संगठनात्मक शक्ति प्रभावित हुई है। 2024 के विधानसभा चुनाव परिणाम से यह स्पष्ट हो गया है कि जिले में भाजपा का संगठन बिखरा हुआ है और कागजों पर सिमट कर रह गया है। पश्चिमी सिंहभूम की सीटों में जमशेदपुर (पूर्वी) जमशेदपुर (पश्चिमी) जुगसलाई बहरागोड़ा घाटशिला पोटका चाईबासा मनोहरपुर और चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
सुधीर पांडेय, चाईबासा। 2024 के विधानसभा चुनाव परिणाम से यह तो स्पष्ट हो गया कि पश्चिम सिंहभूम जिला भाजपा में संगठन बिखरा हुआ है। जिले का पूरा का पूरा संगठन कागजों पर सिमट कर रह गया। अगर जोड़ा जाए तो बूथ समिति से लेकर जिला कमेटी तक लगभग 2500 से ज्यादा भाजपाई संगठन के विभिन्न पदों पर नियुक्त है। किंतु इनमें से कितने सक्रिय और पार्टी के प्रति निष्ठावान है, इसका हिसाब आज तक प्रदेश संगठन और जिला अध्यक्षों ने लगाने की कोशिश नहीं की।
जिसका नतीजा यह रहा की इस विधानसभा चुनाव में भी आधे से ज्यादा बूथों पर कोई कार्यकर्ता नजर नहीं आया। हां, चाईबासा शहर के बूथों पर कार्यकर्ता देखने को जरूर देखने को मिले थे। ऐसे में पार्टी किस दम पर झारखंड मुक्ति मोर्चा को जिले में टक्कर देकर लोकसभा, विधानसभा पंचायत और नगर पालिका चुनाव जीतने का ख्वाब पाले रही यह बात समझ से परे है।
भाजपा की सबसे बड़ी ताकत संगठन शक्ति है वह इस जिले में तार तार हो चुकी है। इसकी बुनियाद तो उसी समय रख दी गई जब कमजोर और प्रभावहीन लोगों को जिला अध्यक्ष बनाये जाने का खेल शुरू हुआ।
अंतिम बार अशोक षाड़ंगी के नेतृत्व में भाजपा ने जीती थी मनोहरपुर, चक्रधरपुर व मझगांव सीट
2007 से 2011 तक जिला अध्यक्ष के पद पर रहे अशोक षाडंगी शायद इस जिले के अंतिम कद्दावर, सर्वमान्य और प्रभावशाली जिला अध्यक्ष थे जो लगभग साढ़े तीन वर्षों तक जिला अध्यक्ष पद पर रहे। इनके नेतृत्व में 2009 का विधानसभा चुनाव लड़ा गया था जिसमें भाजपा ने मनोहरपुर, चक्रधरपुर और मझगांव सीट पर जीत हासिल की थी।
मनोहरपुर से गुरुचरण नायक, चक्रधरपुर से लक्ष्मण गिलुवा और मझगांव से बडकुंवर गागराई चुनाव जीते थे। इनके पहले 2002 से 2007 तक सिंहभूम के सांसद लक्ष्मण गिलुवा जिला अध्यक्ष पद पर थे जो लगभग साढ़े चार वर्षों तक जिला अध्यक्ष रहे।
2004 का लोकसभा चुनाव इन्होंने जिला अध्यक्ष रहते हुए लड़ा किंतु कांग्रेस प्रत्याशी बागुन सुंबरूई के हाथों हार गए। अशोक षाड़गी के बाद संजय पांडेय जिला अध्यक्ष बनाये गये जो लगभग 5 वर्षों तक जिला अध्यक्ष पर बने रहे।
2014 का विधानसभा चुनाव इन्ही के नेतृत्व में लड़ा गया जिसमें भाजपा जिले की पांचो विधानसभा सीटों चाईबासा, चक्रधरपुर, मनोहरपुर, जगन्नाथपुर और मझगांव पर बुरी तरह हार गई। लोकसभा चुनाव 2024 के पूर्व उन्हें तीसरी बार पश्चिमी सिंहभूम का ज़िला अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 2024 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव इन्हीं के नेतृत्व में लड़ा गया जिसमें पार्टी को लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा की पांचो सीटों पर शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है।
2019 में लक्ष्मण गिलुवा के हारने पर दिनेश चंद्र नंदी ने दे दिया था इस्तीफा
गोविंद उर्फ गुड्डू पाठक सबसे कम समय लगभग 10 महीने तक ही जिला अध्यक्ष रहे। दिनेश चंद्र नंदी लगभग ढाई वर्षो तक जिला अध्यक्ष पद पर रहे। मई 2019 में लक्ष्मण गिलुवा के तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी गीता कोड़ा के हाथों लोकसभा चुनाव हारने के बाद इन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था।
इसके पूर्व 2018 में चाईबासा नगर पालिका का चुनाव भी इनके ही नेतृत्व में लड़ा गया था जिसमें अध्यक्ष पद के भाजपा प्रत्याशी अनुप कुमार सुल्तानिया को झामुमो प्रत्याशी मिथिलेश ठाकुर तथा उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी विकास शर्मा को झामुमो प्रत्याशी डोमा मिंज के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। दिनेश चंद्र नंदी के त्यागपत्र देने के बाद बाद जून 2019 में आनन-फानन में मनीष राम को जिला अध्यक्ष नियुक्त कर दिया दिया गया।
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2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की पांचों सीटों पर हार के बाद मनीष राम ने दिया था इस्तीफा
2019 का विधानसभा चुनाव इनके नेतृत्व में लड़ा गया। विधानसभा चुनाव में जिले की पांचो सीटों चाईबासा चक्रधरपुर, मझगांव, जगन्नाथपुर और मनोहरपुर पर पार्टी को लगातार दूसरी बार शर्मनाक हार का मुंह देखना पड़ा। इस हार के बाद मनीष राम ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। मनीष राम के बाद नोवामुंडी के विपिन पूर्ति को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया। लगभग ढाई वर्षो तक जिला अध्यक्ष पद संभालने के बाद निजी कारणों से उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।
सतीश पुरी को हटाकर दूसरी बार जिलाध्यक्ष नियुक्त किये गये संजय पांडेय
अक्टूबर 2022 में सतीश पुरी को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया जो जनवरी 2024 तक पद पर बने रहे। अचानक जनवरी 2024 में सतीश पुरी को हटाकर दूसरी बार संजय पांडेय को जिला अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया। इस विश्लेषण से एक बार तो स्पष्ट हो जाता है कि आदिवासी बाहुल तथा एक लोकसभा और पांच विधानसभा सीटों वाले इस जिले को प्रदेश नेतृत्व ने कभी भी गंभीरता से नहीं लिया।
जिसका नतीजा सामने है। पार्टी को चाईबासा विधानसभा में चौथी बार और चक्रधरपुर मनोहरपुर, मझगांव और जगन्नाथपुर में तीन-तीन बार लगातार हार का सामना करना पड़ा। साथ ही साथ 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में भी हार का सामना करना है। जिले में लगातार हार ने पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल पूरी तरह तोड़कर रख दिया है। इसका नतीजा यह हो रहा है कि अधिकांश कार्यकर्ता अब पार्टी से दूरी बनाने लगे हैं और बहुतों ने पार्टी छोड़ भी दी है।
जिला अध्यक्ष कार्यकाल
- लक्ष्मण गिलुवा जनवरी 2002 से मई 2007
- अशोक षाड़गी मई 2007 - जनवरी 2011
- संजय पांडेय जनवरी 2011 - फरवरी 2016
- गोविंद उर्फ गुड्डू पाठक फरवरी 2016 से दिसंबर 2016
- दिनेश चंद्र नंदी दिसंबर 2016 से जून 2019
- मनीष राम जून 2019 से जुलाई 2020
- बिपिन पुरती जुलाई 2020 से अक्टूबर 2022
- सतीश पुरी अक्टूबर 2022 से जनवरी 2024
- संजय पांडेय जनवरी 2024 से अब तक
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