गुजरात में बंधक बना रहा मजदूर 25 साल बाद लौटा घर, आपबीती सुनकर आपके भी उड़ जाएंगे होश
गुजरात में 25 सालों तक बंधक रहा मजदूर आखिरकार अपने घर लौट आया है। साल 1999 में वह घर से काम के सिलसिले में गुजरात चला गया था। यहां कचबुच नामक जगह में जीएम सिक्युरिटी कंपनी में काम करने लगा। इस बीच ठेकेदार कम मेहनताना देता था। इससे परेशान होकर उसने कई दफा भागने की भी कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाया।
संवाद सूत्र, डुमरिया। गुजरात में 25 वर्षों तक बंधक रहने के बाद कांटाशोल पंचायत अंतर्गत पितामोहली गांव के युवक ठाकुर चंद्र हेंम्ब्रम गांव वापस लौट आया। बेटे का मुंह देखे बिना ही पिता बुढ़ान हेंम्ब्रम व मां मैना हेम्ब्रम चल बसी। पत्नी भी दूसरी शादी कर ली। इतने सालों तक कोई खोज खबर नहीं मिलने से परिवार के सभी लोग यह मान बैठे थे कि ठाकुर चंद्र हेंम्ब्रम की मृत्यु हो गई है।
बेटी को देखकर भर आईं आंखें
जब वह रोजगार की तलाश में गुजरात के लिए घर से निकला था। तब ठाकुर चंद्र हेंम्ब्रम की पत्नी की गोद में महज तीन माह की बेटी सुनिता हेंम्ब्रम को छोड़ कर गया था।
स्वजनों ने ठाकुर चंद्र हेंम्ब्रम को बताया कि उसकी बेटी की भी कहीं शादी हो गई है। जब उसने अपनी बेटी से मुलाकात की तो पिता की आंखें भर आईं और गला रुंध गया।
ठेकेदार ने भागने पर दी थी जान से मारने की धमकी
ठाकुर चंद्र हेंम्ब्रम ने पुरी आपबीती सुनाई तो किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं लग रही थी। उसने बताया कि शादी के बाद उसकी एक बेटी हुई। घर की माली हालत ठीक नहीं थी इसलिए उसने काम करने के लिए गुजरात जाने का फैसला लिया और वह 1999 में घर से निकल गया।
उसने बताया कि वह गुजरात के कचबुच नामक जगह में जीएम सिक्युरिटी कंपनी में काम करने लगा। ठेकेदार से काफी कम पैसे मिलते थे। इससे तंग आकर कई बार भागने की कोशिश भी की परंतु सफल नहीं हो पाया।
इस तरह से लौटा घर
ठेकेदार राजेंद्र सिंह ने भागने पर उसे जान से मारने की धमकी दी। इस दौरान ठाकुर चंद्र हेंम्ब्रम अपनों से संपर्क नहीं कर पाए। इसी तरह लगभग 25 साल बीत गए। अब ठाकुर चंद्र हेंम्ब्रम की उम्र लगभग 50 वर्ष होने चली है। पिछले महीना ठेकेदार ने अचानक ठाकुर चंद्र हेंम्ब्रम को तैयार होने के लिए कहा।
उसके बाद ठेकेदार ने पटना की ओर आने वाली ट्रेन में जबरन बैठा दिया। उसे पांच-पांच सौ का दस हजार रुपये दिखाकर बीस रुपए का एक गड्डी थमाकर छोड़ दिया। किसी तरह घाटशिला पहुंचा तो देखा कि घाटशिला, मुसाबनी, डुमरिया सब कुछ बदल गया। अनजान सा लग रहा था।
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