जगन्नाथपुर में जंगल से सटे गांवों में गजराजों का तांडव, पांच घरों को तोड़ डाले, फसल भी चट कर गए
जगन्नाथपुर प्रखंड के जंगल से सटे गांवों में जंगली हाथियों का आतंक बढ़ गया है। तोडांगहातु, भनगांव और कासिरा पंचायतों में हाथी घर और फसलें नष्ट कर रहे ह ...और पढ़ें

हाथियों के आक्रमण से क्षतिग्रस्त घर को दिखातीं एक महिला।
संवाद सूत्र, जगन्नाथपुर। झारखंड के जगन्नाथपुर प्रखंड के जंगल क्षेत्रों से सटे गांवों में जंगली हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। तोडांगहातु, भनगांव और कासिरा पंचायत के कई गांव और टोले इन दिनों हाथियों की दहशत में जी रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग भटके हुए जंगली हाथियों को सुरक्षित वन क्षेत्र में भेजने के लिए कोई ठोस पहल नहीं कर पा रहा है, जिससे लोगों में आक्रोश है। कड़ाके की ठंड के बीच हाथियों का झुंड पके धान की फसलों को रौंद रहा है और खाने के साथ-साथ रिहायशी घरों को भी निशाना बना रहा है।
बीती रविवार की रात हाथियों के एक झुंड ने तोडांगहातु पंचायत के सोसोपी गांव में जमकर उत्पात मचाया। जानकारी के अनुसार, गजराजों ने गांव में घुसकर तीन कच्चे घरों को तोड़ दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि जब हाथी गांव में पहुंचे, उस समय लोग गहरी नींद में सो रहे थे। अचानक हाथियों की आहट और दीवार टूटने की आवाज से लोग जागे और अंधेरे में किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई।
पीड़ित परिवारों में पार्वती बोयपाय, जुरिया चातोम्बा और विमल चातोम्बा शामिल हैं, जिनके घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। घटना की सूचना मिलने पर ग्रामीण राजू हेम्ब्रम मौके पर पहुंचे और क्षतिग्रस्त घरों का जायजा लिया।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण कई बार वन विभाग से हाथियों से बचाव की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन विभागीय कर्मी केवल औपचारिकता निभाते हुए नाममात्र के पटाखे देकर चले जाते हैं। इससे समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि जंगल क्षेत्र में रहने वाले लोग हर समय हाथियों के डर में जीवन बिता रहे हैं। इधर, कासिरा पंचायत क्षेत्र में भी हाथियों ने दो घरों को क्षतिग्रस्त किया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से शीघ्र ठोस कदम उठाने की मांग की है, ताकि जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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