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    '55 लाख रुपये दो; करा देंगे मेडिकल कालेज में एडमिशन', लेकिन पैसे लेने के बाद... चाईबासा में सामने आया बड़ा खेल

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 12:16 AM (IST)

    मेडिकल कालेज में प्रवेश दिलाने के नाम पर 55 लाख रुपये ठग लेने का मामला प्रकाश में आया है। सदर थाना में इस आशय की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। प्राथमिकी में शामुन आलम ने बताया है कि मेरे लड़के सुजान अली ने वर्ष 2023 मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) दी थी परन्तु रैंक अच्छा नहीं होने के कारण सरकारी मेडिकल कालेज में दाखिला नहीं हो पाया था....

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    एमबीबीएस में एडमिशन दिलाने के नाम पर 55 लाख रुपये की ठगी कर ली गई।

    जागरण संवाददाता, चाईबासा। शहर के बड़ी बाजार निवासी सुजान अली को मेडिकल कालेज में प्रवेश दिलाने के नाम पर 55 लाख रुपये ठग लेने के मामले में पिता मो. शामुन आलम की ओर से सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

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    प्राथमिकी में शामुन आलम ने बताया है कि मेरे लड़के सुजान अली ने वर्ष 2023 मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) दी थी परन्तु रैंक अच्छा नहीं होने के कारण सरकारी मेडिकल कालेज में दाखिला नहीं हो पाया।

    इस संबंध में कोलकाता के मेडिकल कालेजों के बारे पता करने के दौरान मुझसे उत्तर प्रदेश के रायबरेली के सहानीपुर निवासी सुमो त्रिवेदी उर्फ अभय त्रिवेदी ने संपर्क किया।

    वह कोलकाता में रह रहा है। सुमो त्रिवेदी ने बताया कि इस वर्ष तो प्रवेश की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है, लेकिन अगले वर्ष अगर आरजेकर मेडिकल कालेज में एडमिशन कराना है तो वो प्रबंधन अथवा अन्य कोटा के जरिये फीस भुगतान कर प्रवेश करा सकता है।

    इसके बाद उसने मेरा परिचय राहुल साह उर्फ रूद्राक्ष साह जो एनआरएस मेडिकल कालेज कोलकाता में पदस्थापित है, से करवाया। राहुल साह मेडिकल कालेज प्रवेश की प्रक्रिया देखते हैं।

    उसने भी अभय त्रिवेदी की बात का समर्थन किया। इसके बाद सुमो त्रिवेदी उर्फ अभय त्रिवेदी द्वारा मेडिकल कालेज में एडमिशन के लिए कुल 40 लाख रुपये फीस की मांग की गई।

    उस पर भरोसा कर मैंने 2023 के प्रवेश के लिए 40 लाख रुपये मेरे चाईबासा स्थित खाता से तथा मेरे सहयोगी मो. नफीस के खाता से सुमो त्रिवेदी उर्फ अभय त्रिवेदी तथा अखिलेश कुमार सिंह के खाता में भेजा गया है। राशि देने के बावजूद मेरे लड़के का मेडिकल कालेज में एडमिशन नहीं हुआ।

    बाद में पैसे की मांग करने पर चारों ने पैसा वापस कर देने का आश्वासन दिया लेकिन पैसे की वापसी नहीं की गयी है। अंत में थक कर सदर थाने में प्राथमिकी कराई है।

    सुमो त्रिवेदी उर्फ अभय त्रिवेदी से पूछने पर उसने बताया कि एडमिशन के लिए राशि ली गयी थी परंतु किन्हीं कारणों से उस समय नामांकन नहीं हो पाया। राशि लौटाने का प्रयास किया जा रहा है।