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    जीवन प्रमाण पत्र अपडेट के बहाने सेवानिवृत्त कर्मचारी से 17 लाख की साइबर ठगी में दूसरा आरोपी पाकुड़ से गिरफ्तार

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 11:08 PM (IST)

    चाईबासा पुलिस ने जीवन प्रमाण पत्र अपडेट के बहाने 17 लाख की साइबर ठगी के मामले में दूसरे आरोपी को पाकुड़ से गिरफ्तार किया है। आरोपी, मो. इकबाल अहमद, एट ...और पढ़ें

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    रविवार को चाईबासा में आयोजित प्रेसवार्ता में जानकारी देते पुलिस पदाधिकारी।

    जागरण संवाददाता, चाईबासा। बैंक ऑफ इंडिया के सेवानिवृत्त कर्मचारी परमेश्वर पुरती से जीवन प्रमाण पत्र अपडेट कराने के बहाने लगभग 17 लाख रुपये की साइबर ठगी करने वाले एक और आरोपी को चाईबासा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़ा गया आरोपी पाकुड़ जिला के पाकुड़िया थाना अंतर्गत पकुड़िया गांव का रहने वाला मो. इकबाल अहमद है। सदर एसडीपीओ बाहमन टूटी ने मंगलवार को मामले की पूरी जानकारी दी।

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    कैसे हुआ खुलासा? 

    ग्राम करलाजोड़ी निवासी पीड़ित परमेश्वर पुरती ने लगभग 16 लाख 92 हजार रुपये की ठगी की शिकायत मुफ्फसिल थाना में दर्ज कराई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अमित रेणु ने एक विशेष छापामारी टीम का गठन किया।

    जांच के दौरान सबसे पहले साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर सभी संदिग्ध बैंक खातों को होल्ड कराया गया। तकनीकी साक्ष्यों और सीसीटीवी फुटेज की मदद से पहला आरोपी मो. सकीर अंसारी, निवासी रघुनाथपुर (देवघर), को गिरफ्तार किया गया। 

     

    निकासी में इस्तेमाल हुए एटीएम कार्ड से मिला सुराग 

    मो. सकीर की निशानदेही पर दूसरा आरोपी मो. इकबाल अहमद को पाकुड़ से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार मो. इकबाल अहमद की भूमिका ठगी के पैसे की निकासी में इस्तेमाल हुए एटीएम कार्ड उपलब्ध कराने की थी।

    आरोपी ने पूछताछ में अपनी संलिप्ता स्वीकार कर ली है। उसने बताया कि एटीएम उपलब्ध कराने के बदले उसे 5000 रुपये मिले थे। इकबाल ने यह भी खुलासा किया है कि इस ठगी में अन्य साइबर गिरोह के सदस्य भी शामिल हैं, जिनकी तलाश जारी है। 

     

    पुलिस ने आम लोगों से की अपील 

    गिरफ्तार आरोपी के पास से एक मोबाइल फोन, 10 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि निजी जानकारी किसी के साथ साझा न करें। एसडीपीओ ने लोगों से अपील की कि वे किसी अनजान व्यक्ति को अपना बैंक विवरण, एटीएम, ओटीपी या खाता इस्तेमाल करने की अनुमति न दें।

    उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा करने पर व्यक्ति भी साइबर अपराध में समान रूप से दोषी माना जाएगा। उन्होंने सलाह दी कि किसी भी प्रकार की साइबर ठगी होने पर तुरंत 1930 नंबर पर शिकायत दर्ज कराएं।

    छापामारी टीम में डीएसपी प्रदीप कुमार, धनंजय सिंह, चंद्रशेखर, अरविंद कुशवाहा, मुफ्फसिल थाना पुलिस रिजर्व गार्ड के सशस्त्र बल तैनात थे। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से साइबर ठगी के इस बड़े racket बेनकाब हुआ है।

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