चाईबासा में HIV संक्रमित रक्त कांड के बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था, अब भी ठप है Blood bank
चाईबासा सदर अस्पताल में एचआईवी संक्रमित रक्त कांड के दो महीने बाद भी स्थानीय रक्त जांच व्यवस्था बहाल नहीं हुई है। मरीजों को अभी भी जमशेदपुर से रक्त मं ...और पढ़ें

फाइल फोटो।
जागरण संवाददाता, चाईबासा। चाईबासा सदर अस्पताल में थैलीसीमिया पीड़ित बच्चे को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने की गंभीर घटना के बाद जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर जो सवाल उठे थे, वे अब और गहरे होते जा रहे हैं। घटना के लगभग दो महीने बीत जाने के बावजूद जिले में रक्त जांच की स्थानीय व्यवस्था अब तक बहाल नहीं हो सकी है।
नतीजा यह है कि मरीजों को आज भी इलाज के लिए जमशेदपुर से रक्त मंगाने को मजबूर होना पड़ रहा है। घटना के तत्काल बाद प्रशासन की ओर से यह कहा गया था कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और मरीजों की सुरक्षा सर्वोपरि रहेगी।
उस समय हालात को संभालने के लिए यह अस्थायी व्यवस्था की गई थी कि चाईबासा के ब्लड बैंक में संग्रहित रक्त की जांच जमशेदपुर स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कराई जाएगी। हालांकि, यह व्यवस्था केवल तात्कालिक समाधान के रूप में लागू की गई थी, लेकिन अब यही अस्थायी व्यवस्था स्थायी बनती नजर आ रही है।
शहर के निवासी शम्मी सिंह ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए बताया कि सोमवार को एक परिचित की मां को रक्त की आवश्यकता पड़ी, लेकिन चाईबासा में उपलब्ध न होने के कारण उन्हें रात दो बजे जमशेदपुर जाकर रक्त लाना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बेहद चिंताजनक है, लेकिन न तो जिला प्रशासन और न ही किसी जनप्रतिनिधि की ओर से अब तक कोई ठोस पहल दिखाई दी है।
वहीं, सौरव प्रसाद ने कहा कि एमजीएम से रक्त जांच होकर आने में अत्यधिक देरी हो रही है। इससे आपात स्थिति में न तो तत्काल रक्तदान कराकर मरीज को रक्त उपलब्ध कराया जा सकता है और न ही समय पर जांच रिपोर्ट मिल पा रही है।
इसका सीधा असर थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोगियों पर पड़ रहा है, जिनकी जान जोखिम में है। सबसे गंभीर बात यह है कि प्रशासनिक तंत्र से जुड़े अधिकारी भी यह स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि ब्लड बैंक के नवीनीकरण में देरी क्यों हो रही है।
नवीनीकरण की कोई समय-सीमा तय नहीं है और न ही यह बताया जा रहा है कि चाईबासा में रक्त जांच की सुविधा कब तक शुरू होगी। यह विडंबना ही है कि एक प्रमंडलीय मुख्यालय होने के बावजूद चाईबासा जिले में रक्त अधिकोष होते हुए भी मरीजों के लिए जमशेदपुर पर निर्भरता बनी हुई है।

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