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    झारखंड में नक्सलवाद को झटका, 10 माओवादियों ने चाईबासा में किया आत्मसमर्पण

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 01:07 PM (IST)

    चाईबासा में भाकपा (माओवादी) संगठन के 10 नक्सलियों ने झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। इन नक्सलियों पर हत्या और विस्फोटक अधिनियम जैसे कई गंभीर आरोप हैं। पुलिस के अनुसार नक्सलियों का समर्पण माओवादी संगठन पर एक बड़ा प्रहार है जिससे कोल्हान व सारंडा क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगेगा।

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    10 माओवादियों ने चाईबासा में किया आत्मसमर्पण

    जागरण संवाददाता, चाईबासा। झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर गुरुवार को भाकपा (माओवादी) संगठन के 10 सक्रिय नक्सलियों ने चाईबासा में आत्मसमर्पण किया।

    पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता, आईजी अभियान एस. माइकल राज, आईजी ऑपरेशन सीआरपीएफ साकेत कुमार सिंह, आईजी सीआरपीएफ अनूप बिरथरे, डीआईजी कोल्हान अनुरंजन किस्पोट्टा, सीआरपीएफ के वरीय अधिकारी एवं चाईबासा एसपी अमित रेणु की मौजूदगी में यह आत्मसमर्पण हुआ।

    पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में रांदो बोइपाई उर्फ कांति, गार्टी कोड़ा, जॉन उर्फ जोहन पुरती, निरसो सीदू उर्फ आशा, घोनोर देवगम, गोमेया कोड़ा उर्फ टारजन, कैरा कोड़ा, कैरी कायम उर्फ गुलांची, सावित्री गोप उर्फ फुटबॉल और प्रदीप सिंह मुण्डा शामिल हैं।

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    नक्सली संगठन पर बड़ा प्रहार

    इन सभी पर टोन्टो, छोटानागरा, जराईकेला व गुवा थानों में हत्या, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आर्म्स एक्ट और यूएपीए सहित कई गंभीर मामले दर्ज हैं।

    पुलिस मुख्यालय की ओर से बताया गया कि यह समर्पण नक्सली संगठन पर बड़ा प्रहार है और इससे कोल्हान व सारंडा क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों पर और अंकुश लगेगा।

    अब तक 26 माओवादी मुख्यधारा से जुड़े

    पिछले तीन वर्षों में झारखंड पुलिस, कोबरा, जगुआर और सीआरपीएफ के संयुक्त अभियान के दबाव से अब तक 26 माओवादी मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं।

    आंकड़ों के अनुसार, पश्चिमी सिंहभूम जिले में वर्ष 2022 से अब तक 9631 अभियान चलाए गए, जिनमें 175 नक्सली गिरफ्तार हुए और 10 उग्रवादी मुठभेड़ में मारे गए। इस दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक, हथियार और कारतूस भी बरामद किए गए।

    डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार की पुनर्वास नीति नक्सलियों को नया जीवन देने का अवसर है। उन्होंने अन्य उग्रवादियों से अपील की कि वे हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ें।