Salima Tete: कौन हैं अर्जुन अवार्ड विनर सलीमा टेटे? बांस की स्टिक से करती थीं प्रैक्टिस, अब संभाल रहीं हॉकी टीम की कमान
झारखंड की सलीमा टेटे को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा उन्हें 17 जनवरी को राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित किया जाएगा। अभी वे भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान हैं। सलीमा टेटे एशिया कप सहित विश्व की सभी हॉकी प्रतियोगिताओं में भारत के लिए खेल चुकी हैं। अर्जुन अवार्ड मिलने की खबर के बाद सलीमा के घर- परिवार में खुशी का माहौल है।

वाचस्पति मिश्र, सिमडेगा। झारखंड के सिमडेगा की बेटी सलीमा टेटे हॉकी में फर्श से अर्श तक का सफर तय कर अर्जुन अवार्ड हासिल करने वाली पहली महिला खिलाड़ी होंगी। अभी वह भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान हैं। उन्हें 17 जनवरी को राष्ट्रपति के हाथों अवार्ड मिलेगा।
सलीमा सिमडेगा जिला के सदर प्रखंड के छोटे से गांव बड़कीछापर की रहने वाली हैं। वह बड़कीछापर व आसपास के गांवों में उबड़-खाबड़ मैदान में अपने पिता की अंगुली थामे हॉकी खेलने जाती थीं।
हाथ निर्मित बांस के स्टिक व बाल से हॉकी की शुरुआत करने वाली सलीमा ने ग्रामीण स्तर के टूर्नामेंट से अपनी शुरुआत की थी। राज्यस्तरीय प्रशिक्षण केंद्र में चयन के बाद पहले झारखंड टीम से खेलते हुए इंडिया टीम तक पहुंचीं।
- सलीमा ने साल 2014 में पहली बार झारखंड टीम, 2016 में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया।
- साल 2018 में उन्हें जूनियर भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तानी मिली।
- 2024 में भारतीय महिला हाकी टीम की कप्तान बनीं।
एक छोटे से गांव में खस्सी कप से पहली प्रतियोगिता खेलते हुए ओलिंपिक, विश्व कप, राष्ट्रमंडल, एशियन गेम्स, एशिया कप सहित विश्व की सभी हॉकी प्रतियोगिताओं में सलीमा भारत के लिए खेल चुकी हैं।
वह 2021 में टोक्यो ओलिंपिक के लिए चुनी गईं। इस वर्ष उन्हें अर्जुन अवार्ड के लिए चुना गया है। इसकी खबर मिलने के बाद सलीमा के घर-परिवार में खुशी का माहौल है।
बड़कीछापर गांव में रहता है परिवार
सलीमा का परिवार आज भी बड़कीछापर गांव में रहता है। जब 2021 में सलीमा ओलिंपिक के लिए चुनी गई थीं, तब उनके घर में टीवी भी नहीं था। उसके पिता सुलक्सन टेटे एवं भाई अनमोल लकड़ा अब भी खेतों में हल जोतते हैं। वे हाट में दुकान लगाने के साथ ही मनरेगा में भी मजदूरी करते थे।
सलीमा की चार बहनें हैं, जिनमें इलिसन, अनिमा, सुमंती एवं महिमा टेटे शामिल हैं। सलीमा की बहन महिमा भी अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी हैं।
सलीमा के पिता सुलक्सन टेटे ने बताया कि काफी संघर्ष के बाद सलीमा इस मुकाम तक पहुंची हैं। पूर्व में वह उनके साथ हॉकी मैदान जाती और हॉकी सीखती थीं। बाद में हॉकी सिमडेगा के वर्तमान अध्यक्ष मनोज कोनबेगी की पहल से सिमडेगा स्थित राज्यस्तरीय आवासीय प्रशिक्षण के लिए चयनित हुईं।
चार खिलाड़ियों को मिले बड़े अवार्ड
10 वर्षो में झारखंड के तीन हॉकी खिलाड़ियों सिल्वेनस डुंग डुंग और सुमराय टेटे को मेजर ध्यानचंद अवार्ड से सम्मानित किया गया है। अब सलीमा को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। पूर्व में माइकिल किंडो को भी अर्जुन अवार्ड मिल चुका है।
यकीन नहीं था इतनी जल्दी इतना बड़ा सम्मान मिलेगा
भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सलीमा टेटे झारखंड की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी हैं, जिन्हें अर्जुन पुरस्कार मिल रहा है। वे पुणे में हॉकी इंडिया लीग की तैयारी कर रही हैं।
उन्होंने इस पुरस्कार को अपने माता-पिता कोच और झारखंड की जनता को समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि यकीन नहीं था कि यह पुरस्कार इतनी जल्दी मिल जाएगा।
पुरस्कार मिलने के बाद मेरी जिम्मेदारी बढ़ गई है और आने वाले समय में मैं और बेहतर प्रदर्शन करूंगी। यह भी कहा यह पुरस्कार राज्य के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को नई ऊर्जा देगा और वह बेहतर करेंगे।
राज्य के लिए गर्व की बात
भोलानाथ हॉकी इंडिया के महासचिव और हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह ने कहा है कि सलीमा टेटे को अर्जुन पुरस्कार के लिए चयनित किया जाना झारखंड के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा यह पुरस्कार राज्य के सभी खिलाड़ियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा।
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