कई दिनों से नदी में पड़े हाथी के शव को दफनाया गया, मौत की गुत्थी सुलझाने में पोस्टमार्टम रिपोर्ट करेगी मदद
बानो रेंज के बांकी पंचायत के अंतर्गत सिमडेगा एवं खूंटी जिले की सीमा पर बहने वाली कोयल नदी से हाथी का शव बरामद होने के पीछे की सच्चाई का पता लगाने के लिए फिलहाल वन विभाग की टीम को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार है।
संसू,बानो (सिमडेगा)। बानो रेंज के बांकी पंचायत के अंतर्गत सिमडेगा एवं खूंटी जिले की सीमा पर बहने वाली कोयल नदी से हाथी का शव बरामद हुआ है। इसकी सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल से शव को अपने कब्जे में लेकर आवश्यक कार्यवाही की। विदित हाथी का शव कई दिनों से नदी में पड़ा हुआ था।खबर लगते ही बानो वन विभाग की टीम रेंजर अभय कुमार के नेतृत्व में मौके पर पहुंची।
हाथी के शव को दफनाया गया
उन्होंने बताया कि घटना के विषय में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है कि हाथी की मौत कैसे हुई है।साथ ही उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद हाथी के शव को दफना दिया गया है। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हाथी की मौत के करणों का पता चल पाएगा। मौके पर वन क्षेत्र पदाधिकारी बानो अभय कुमार, विवेक कुमार, लखींद्र कुमार सिंह, मनीष डुंगडुंग,सुरेश टेटे मौजूद थे। इधर डीएफओ अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि मृत हाथी का उम्र करीब तीन वर्ष है। हाथी की मौत कैसे हुई यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो पाएगी।
कहीं तस्करों का तो नहीं हाथ
गौरतलब है कि कई बार शिकारी हाथी दांत की तस्करी कर मोटी रकम कमाने की लालच में उन्हें मार देते हैं। ऐसे में यह एक गंभीर चिंता का विषय है, लेकिन इस बारे में स्पष्ट रूप से तभी कहा जा सकता है जब एक बार रिपोर्ट सामने आ जाए और अभी इसी की प्रतीक्षा की जा रही है। वैसे आमतौर पर हाथी दांत के तस्करों का आतंक ओडिशा के जंगलों में हैं। ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि कड़ी सुरक्षा को ताक पर रखते हुए और वन विभाग को चुनौती देते हुए तस्कर कैसे जंगलों में प्रवेश कर ऐसी कार्रवाइ को अंजाम तक पहुंचा रहे हैं।