Tabrez Ansari: 17 जून, 2019 की वह रात जब तबरेज से लगवाए गए थे 'जय श्री राम' के नारे, जानें क्या है पूरा मामला
Tabrez Ansari Lynching Case बहुचर्चित तबरेज अंसारी हत्याकांड में कोर्ट ने दस दोषियों को 10-10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। सुनवाई के क्रम में मामले में 35 गवाहों ने अपनी गवाही दी। मामला 17 जून 2019 की रात का है जब तबरेज मॉब लिंचिंग का शिकार हुआ था। घटना के चार दिन बाद 22 जून को तबरेज की मौत के बाद से बखेड़ा खड़ा हुआ।

जागरण संवाददाता, सरायकेला (सरायकेला-खरसावां)। Saraikela News, Tabrez Ansari: बहुचर्चित तबरेज अंसारी हत्याकांड में न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में अदालत ने बुधवार को दस दोषियों को 10-10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है।
करीब चार वर्ष चली सुनवाई के बाद 10 दोषियों प्रकाश मंडल उर्फ पप्पू मंडल, भीमसेन मंडल, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, महेश महाली, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेमचंद महाली व सुनामो प्रधान को एडीजे-1 अमित शेखर की अदालत ने सजा सुनाई है। इस दौरान सभी 10 दोषियों की पेशी जेल प्रशासन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कराई।
दोषियों को इन धाराओं के तहत मिली सजा
दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं ने सजा सुनाए जाने के दौरान अपनी-अपनी दलीलें कोर्ट में पेश कीं। दोषियों को आइपीसी की धारा-304 पार्ट (वन) के तहत 10 वर्ष व 15 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई। जुर्माना नहीं देने पर एक वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अदालत ने दोषियों को आइपीसी-325 के तहत तीन वर्ष कारावास और पांच हजार जुर्माना (जुर्माना नहीं देने पर और छह माह कैद), आइपीसी-341 के तहत एक माह कारावास और 300 रुपये जुर्माना (जुर्माना नहीं देने पर और दो दिन कारावास), आइपीसी-323 के तहत नौ माह कारावास और 800 रुपये जुर्माना (जुर्माना नहीं देने पर और एक माह कारावास), आइपीसी-295 (ए) के तहत एक वर्ष कारावास व एक हजार जुर्माना (जुर्माना नहीं देने पर और डेढ़ माह कारावास), आइपीसी-147 के तहत एक वर्ष कारावास और एक हजार जुर्माना (जुर्माना नहीं देने पर और डेढ़ माह कारावास) की सजा सुनाई।
मामले के दो आरोपित बरी
सुनवाई के क्रम में मामले में 35 गवाहों ने अपनी गवाही दी। इससे पहले कोर्ट ने 27 जून को 10 आरोपितों को दोषी ठहराया था। दो आरोपित सत्यनारायण नायक व सुमंत महतो को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। तबरेज की पत्नी शाहिस्ता के पक्ष से अधिवक्ता अल्ताफ हुसैन व आरोपितों के पक्ष से अधिवक्ता एससी हाजरा ने अदालत में बहस की।
तब माॅब लिंचिंग के नाम पर राज्य में हुआ था खूब हंगामा
सरायकेला प्रखंड के धातकीडीह गांव में तबरेज अंसारी (कदमडीह, खरसावां) के साथ कथित तौर पर 'माॅब लिंचिंग' की घटना हुई थी। तबरेज 17 जून, 2019 की रात लगभग ढाई बजे अपने दो साथियों नुमैर अली व शेख इरफान के साथ धातकीडीह के कमल महतो के घर में चोरी की नीयत से घुस गया था। घर के लोगों ने शोर मचाया, तब तबरेज अंसारी भीड़ के हाथ लग गया। जबकि उसके साथी नुमैर व इरफान भागने में सफल रहे।
इसके बाद ग्रामीणों ने तबरेज की पिटाई कर दी। वहीं, सुबह पांच बजे पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और तबरेज को ग्रामीणों से बचाकर थाना ले आई। उसे प्राथमिक चिकित्सा के बाद जेल भेज दिया गया। इलाज के दौरान उसे गंभीर चोट लगने की बात सामने नहीं आई थी। हालांकि, चार दिन बाद 22 जून की सुबह तबरेज को जेल से गंभीर हालत में सदर अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
तब स्वजनों की ओर से उसके जिंदा होने का दावा करने पर तबरेज को सदर अस्पताल से टीएमएच, जमशेदपुर रेफर कर दिया गया, लेकिन वहां भी चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पुलिस उसे वापस सरायकेला लाई और शव का पोस्टमार्टम कराया गया। इस मामले में मृतक की पत्नी शाहिस्ता परवीन ने पप्पू मंडल समेत अन्य सौ लोगों के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
फूट-फूट कर रो पड़ी शाहिस्ता परवीन
सजा के एलान के बाद दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलने की उम्मीद लगाए बैठी उसकी पत्नी शाहिस्ता परवीन फूट-फूट कर रो पड़ी। चार वर्ष से न्याय की आस लगाई शाहिस्ता ने कहा- लगा था कि कोर्ट उन्हें फांसी या आजीवन कारावास की सजा सुनाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वह अब हाई कोर्ट जाएगी और पति के हत्यारों को फांसी की सजा दिलवा कर रहेगी।
शाहिस्ता के साथ उसकी मां, चाचा व भाई के अलावा 20 से 25 लोग कोर्ट पहुंचे थे। सजा सुनने के लिए शाहिस्ता सुबह 11 बजे ही कोर्ट पहुंच गई थी। शाहिस्ता के साथ तबरेज अंसारी का निकाह इस घटना से दो माह पूर्व 27 अप्रैल 2019 को हुआ था। इधर दोषियों के परिवारवाले भी हाईकोर्ट पहुंचकर न्याय की गुहार लगाएंगे, ऐसी बात सामने आई है।
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