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    गरीब-अनाथ बच्‍चों के चंद रुपयाें पर पड़ी अधिकारी की नजर, स्‍पॉन्‍सशिप योजना के हर 4 हजार पर 1 हजार ले रहे

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Fri, 29 Sep 2023 03:55 PM (IST)

    कोरोना काल में कई बच्‍चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया। कई जिंदगियां तबाह हो गईं। अनाथ बच्‍चों की पढ़ाई में कोई रूकावट न आए इसके लिए सरकार ने इन्‍हें स्‍पॉन्‍सरशिप योजना से जोड़ा। इसके तहत प्रतिमाह चार हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। लेकिन अब अधिकारियों की नजर इस राशि पर पड़ी है जो इन पैसों के बदले कमीशन मांगते हैं।

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    बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रोहित महतो से शिकायत करती पुष्पा महतो।

    जागरण संवाददाता, सरायकेला। कोरोना काल के दौरान जिन बच्चों के अभिभावकों का साया उनके ऊपर से उठ गया। वैसे बच्चों को सरकार स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़कर प्रतिमाह चार हजार रुपये मदद पहुंचाने का प्रयास कर रही है ताकि बच्चों की पढ़ाई अवरुद्ध न हो। लेकिन इन बच्चों को मिलने वाली राशि से भी एक हजार रुपये प्रतिमाह वसूली करने का मामला सरायकेला खरसावां जिला में सामने आए हैं।

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    गरीब बच्‍चों की स्‍पॉन्‍सरशिप राशि से खिलवाड़

    इस मामले की शिकायत छोटा दावना पंचायत के कदमडीह गांव की पुष्पा महतो ने जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी (डीसीपीओ) संतोष कुमार के खिलाफ बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रोहित महतो से लिखित रुप में की है।

    मामले को संज्ञान में लेते हुए रोहित महतो इस मामले को उपायुक्त रविशंकर शुक्ला के समक्ष शुक्रवार को रखेंगे, ताकि गरीब बच्चों को मिलने वाले स्पाॅन्सशिप राशि से कोई खिलवाड़ न कर सके।

    यह है मामला

    सरायकेला-खरसावां जिले में करीब 250 बच्चों को स्पाॅन्सरशिप योजना के तहत सरकार की ओर से लाभ दिया जा रहा है।

    कोरोना काल के दौरान जिन बच्चों के माता-पिता या किसी एक का निधन हो गया था वैसे बच्चों को सरकार की ओर से प्रतिमाह दो हजार रुपये दिए जा रहे थे।

    लेकिन तीन माह पहले से उक्त राशि को बढ़ा कर चार हजार रुपये कर दिया गया।

    कदमडीह निवासी पुष्पा महतो ने अपनी शिकायत में कहा है कि उनके पति अशोक कुमार महतो का निधन कोरोना काल में हो गया था।

    जिसके बाद उनके दो बच्चे सुंगध कुमार महतो व निमाई कुमार महतो के पालन-पोषण व स्कूल की फीस को लेकर समस्या आने लगी।

    तभी उन्हें सरकार की स्पाॅन्सरशिप योजना से जोड़ा गया। अब तक उन्हें इस योजना से उनके दोनों बच्चों के बैंक एकाउंट में 48 हजार रुपये तक की राशि आई है।

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    राशि के पहुंचते ही घर आ जाते बाल संरक्षण पदाधिकारी

    राशि के बैंक में पहुंचते ही जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी संतोष कुमार मोटरसाइकिल से उनके घर पहुंच जाते हैं और राशि पहुंचने की बात पूछते हैं और फिर एक-एक हजार रुपये की मांग करते हैं। जब उन लोगों ने राशि देने से इंकार किया, तो एक बच्चे का नाम स्पाॅन्सरशिप योजना से काट देने की धमकी देते हैं।

    जिसके कारण उन लोगों ने तीन बार में ढाई हजार रुपये संतोष कुमार को दे चुके हैं। संतोष कुमार द्वारा रुपयों के लिए धमकाने से वे लोग परेशान होकर इसकी शिकायत बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष से की है। इस मामले को लेकर वे उपायुक्त से भी शिकायत करेंगे।

    जिले में 250 बच्चों को स्पान्सरशिप योजना के तहत लाभ मिल रहा है। मेरे ऊपर रुपये मांगने का आरोप बेबुनियाद है। मैं लाभुकों के घर जाता हूं बच्चों का हाजिरी चेक करने के लिए- संतोष ठाकुर, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी।

    मुझे लाभुक पुष्पा महतो ने फोन कर मामले की जानकारी दी। मैं गुरुवार को लाभुक के घर जांच में गया तो मामले को सही पाया। लाभुक को मिलने वाली स्पान्सरशिप की राशि से एक हजार रुपये की मांग की जा रही है। इस मामले में मैंने संज्ञान लिया है। उपायुक्त को इस मामले से अवगत कराउंगा ताकि करीब के भरण पोषण के लिए मिलने वाली राशि को वे किसी पदाधिकारी को क्यों दें- रोहित महतो, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति।

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