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    Jharkhand News: गरीबों की राशन पर किसकी नजर? राज्य खाद्य निगम का 350 क्विंटल चावल गायब

    साहिबगंज में राशन कार्डधारकों के बीच बंटने के लिए आया 350 क्विंटल अनाज गायब हो गया है। यह अनाज दो ट्रक पर 13 मार्च को एफसीआइ के महादेवगंज स्थित गोदाम से झरना कॉलोनी स्थित राज्य खाद्य निगम के गोदाम के लिए चला था लेकिन वह गोदाम नहीं पहुंचा। सहायक गोदाम प्रबंधक ने वरीय अधिकारियों के साथ जिरवाबाड़ी थाने की पुलिस को अवगत कराया है।

    By Shiv Shankar Kumar Edited By: Shashank Shekhar Updated: Mon, 01 Apr 2024 09:42 PM (IST)
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    Jharkhand News: गरीबों की राशन पर किसकी नजर? राज्य खाद्य निगम का 350 क्विंटल चावल गायब (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, साहिबगंज। साहिबगंज में राशन कार्डधारकों के बीच बंटने के लिए आया 350 क्विंटल अनाज गायब हो गया है। यह अनाज दो ट्रक पर गत 13 मार्च को एफसीआइ के महादेवगंज स्थित गोदाम से झरना कालोनी स्थित राज्य खाद्य निगम के गोदाम के लिए चला था, लेकिन आज तक वह गोदाम में नहीं पहुंचा है। सहायक गोदाम प्रबंधक ललित कुमार ने मामले से वरीय अधिकारियों के साथ साथ जिरवाबाड़ी थाने की पुलिस को अवगत कराया है।

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    इसके बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस मामले में अहम तथ्य यह भी है कि ट्रक मालिक ने गोदाम प्रबंधक एजीएम की रिसीविंग दिखाई है लेकिन एजीएम का कहना है कि ट्रक मालिक ने कुछ देर में ट्रक पहुंच जाने की बात कहकर उसका हस्ताक्षर करा लिया लेकिन अनाज आज तक नहीं पहुंचा है।

    एजीएम ललित कुमार के अनुसार, 13 मार्च को एफसीआइ के महादेवगंज स्थित गोदाम के उठाव प्रभारी चंदन गुप्ता ने वाट्सएप पर मैसेज भेजा जिसमें कहा कि ट्रक संख्या जेएच 04 डी 3627 व डब्लूबी 57 बी 9094 से 707 बोरा में कुल 350 क्विंटल राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) का अनाज जा रहा है। इसके कुछ देर बाद ट्रक मालिक आजाद यादव पहुंचा और बताया कि ट्रक जाम में फंस गया है।

    कुछ देर में आ जाएगा। इसलिए चालान रिसीव कर लीजिए। एजीएम का कहना है कि विश्वास में उसने उस पर साइन कर दिया, लेकिन उस दिन अनाज नहीं आया। अगले दिन ट्रक मालिक को कॉल करने पर वह आज कल करता रहा। इसके बाद उसने 30 मार्च को विभागीय अधिकारियों के साथ साथ जिरवाबाड़ी थाना की पुलिस को भी सूचना दी।

    जिरवाबाड़ी थाना जांच में जुटी

    सूचना मिलने के बाद 30 मार्च की शाम करीब तीन बजे पुलिस ने गोदाम पहुंचकर जांच पड़ताल की। वहां अनाज लोडिंग अनलोडिंग करने वाले मजदूरों से बात की तो उनलोगों ने अनाज आने की बात से इंकार किया। गोदाम की वेबसाइट पर भी ब्योरा दर्ज नहीं है।

    इसके बाद पुलिस ने एजीएम व ट्रक मालिक को थाना बुलाया। बताया जाता है कि इस दौरान ट्रक मालिक नहीं पहुंचा। 12 लाख से अधिक का चावल का अनुमान लगाया गया है। गायब 350 क्विंटल चावल करीब 12.25 लाख रुपये कीमत का है। यह चावल मार्केट में 35 रुपये किलो की दर से मिलता है।

    पहले भी सामने आ चुका है मामला

    साहिबगंज ही नहीं पूरे राज्य में गरीबों के लिए आने वाले अनाज की हेराफेरी करने वाला बड़ा रैकेट सक्रिय है। जिले में पहले भी इस तरह का मामला सामने आ चुका है। कई बार मामला भी दर्ज हुआ लेकिन बाद में सब रफा दफा हो गया।

    रघुवर दास के मुख्यमंत्रित्व काल में बरहड़वा में स्थानीय लोगों ने अनाज लदे करीब दर्जनभर ट्रकों को रोक लिया था तब तत्कालीन खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय को भी आना पड़ा था। पतना में कोरोना काल में एक करोड़ रुपये से अधिक के अनाज के गोलमाल की बात सामने आयी थी। वहां के तत्कालीन एजीएम को तत्कालीन डीएसओ जयदीप तिग्गा को एक करोड़ रुपये का डिमांड भेजा था। मामला वर्तमान में कोर्ट में चल रहा है।

    एनएफएसए के 350 क्विंटल चावल का हिसाब नहीं मिल रहा है। एफसीआइ का कहना है कि अनाज 13 मार्च को ही भेज दिया गया था। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।- जेके मिश्रा, डीएसओ, साहिबगंज

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