Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिसंबर में ही नववर्ष जैसी चहल-पहल, साइबेरियन पक्षियों की आमद से उधवा अभयारण्य में उमड़ी सैलानियों की भीड़

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 11:57 AM (IST)

    साहिबगंज जिले के उधवा पक्षी अभयारण्य में पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है। राजमहल की पहाड़ियों और गंगा नदी के किनारे स्थित पतौड़ा झील में प्रवासी पक्षियों ...और पढ़ें

    Hero Image

    साइबेरियन पक्षियों की आमद से उधवा अभयारण्य में उमड़ी सैलानियों की भीड़

    नव कुमार मिश्रा, उधवा (साहिबगंज)। जिले में स्थित राज्य के एकमात्र पक्षी अभयारण्य उधवा में हमेशा चहल-पहल रहती है। हर साल नववर्ष पर भीड़ उमड़ती है लेकिन इस बार दिसंबर में ही यहां सैलानियों की भीड़ उमड़ पड़ी है। राजमहल की पहाड़ियों तथा गंगा नदी के आंचल में बसे पतौड़ा झील में देसी-विदेशी प्रवासी पक्षियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों की मौजूदगी की खबरों से दूर दराज से लोग यहां आ रहे हैं। प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के नाते रिश्तेदार भी यहां उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। दरअसल, उधवा पक्षी आश्रयणी को प्रवासी और देसी पक्षियों के प्रवास स्थल के रूप में जाना जाता है। 

    हाल ही में इसे रामसर साइट का दर्जा मिला है और पर्यटकों के लिए यहां शिकारा बोटिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं जो इसे एक विकसित पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यहां नवंबर से मार्च तक हजारों देसी तथा प्रवासी पक्षी आते हैं और अब आधुनिक निगरानी से पक्षियों के संरक्षण को बढ़ावा मिला है।

    कैसे आना है उधवा पक्षी अभयारण्य  

    साहिबगंज जिला मुख्यालय से लगभग 48 किलोमीटर दूर राजमहल- बरहड़वा मुख्य सड़क पर दक्षिण पूर्व की ओर अवस्थित है। बरहड़वा से आना हो तो सड़क मार्ग से लगभग 12 किलोमीटर दूर राधानगर थाना मुख्यालय से पश्चिम की ओर अवस्थित है। तीनपहाड़ रेलवे स्टेशन से भी सड़क मार्ग होकर जोंका मोहनपुर के रास्ते इसकी दूरी लगभग दस किलोमीटर है। 

    पश्चिम बंगाल से आने वालों को फरक्का से सिरासिन राधानगर के रास्ते लगभग 32 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। यहां तक आने के लिए केवल सड़क मार्ग की सुविधा उपलब्ध है। झील क्षेत्र में पर्यटकों के लिए नौकायन और चिल्ड्रेन पार्क के साथ ही ठहरने की सुविधा भी उपलब्ध है। 

    पर्णकुटी में सभी आधुनिक सुविधाएं किराए पर उपलब्ध हैं। आनलाइन बुकिंग भी कर सकते हैं। इसके अलावा वन विभाग का रेस्ट हाउस भी है।

    आकर्षण का केंद्र प्रवासी पक्षी  

    मध्य एशिया और साइबेरिया से आने वाले साइबेरियन सारस और अन्य पक्षी नवंबर से मार्च तक यहां रहते हैं। रामसर साइट बनने के बाद सुविधाओं में सुधार हुआ है जैसे सोलर पैनल से संचालित कैमरे और शिकारा बोटिंग की सुविधा है जिससे पर्यटक हरी-भरी वादियों और झीलों का मनमोहक दृश्य का लुत्फ उठा सकते हैं। 

    फिलहाल साइबेरियन पक्षियों की मौजूदगी की खबर फैलते ही राज्य के विभिन्न हिस्सों सहित पड़ोसी राज्यों से भी सैलानी प्रतिदिन पतौड़ा झील पहुंच रहे हैं। कोई कैमरे में पक्षियों की तस्वीरें कैद कर रहा है तो कोई झील के शांत वातावरण में प्रकृति के साथ समय बिता रहा है। परिवार, छात्र, शोधकर्ता और फोटोग्राफर हर वर्ग के लोग यहां पहुंचकर इस प्राकृतिक धरोहर का आनंद ले रहे हैं।