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    Jharkhand: झारखंड में बीजेपी को बड़ा झटका, कद्दावर नेता ने दिया इस्तीफा; थामा हेमंत सोरेन का हाथ

    Updated: Fri, 11 Apr 2025 08:09 PM (IST)

    भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और बोरियो के पूर्व विधायक ताला मरांडी ने सिदो-कान्हू जयंती पर झामुमो का दामन थाम लिया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। मरांडी पहले भी झामुमो में थे और फिर भाजपा में शामिल हुए थे। लोकसभा चुनाव में हार के बाद और विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से वे नाराज़ थे।

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    भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी ने थामा हेमंत सोरेन का हाथ।

    संवाद सहयोगी, बोरियो/बरहेट (साहिबगंज)। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और बोरियो के पूर्व विधायक ताला मरांडी ने शुक्रवार को बरहेट में सिदो-कान्हु की जयंती पर आयोजित समारोह में झामुमो का दामन थाम लिया।

    झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य पंकज मिश्रा ने मंच पर उनका स्वागत किया और उनके पार्टी में शामिल होने की घोषणा की। इसके बाद झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पार्टी का पट्टा पहनाकर उन्हें विधिवत पार्टी में शामिल कराया।

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    कौन हैं ताला मरांडी?

    ताला मरांडी 2016 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे। हालांकि, पार्टी लाइन से इतर स्टैंड लेने की वजह से बाद में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।

    झामुमो से शुरू की सियासी पारी

    2005 से 2009 तथा 2014 से 2019 तक वह बोरियो से भाजपा के विधायक रहे। उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा झामुमो से शुरू की थी। हालांकि, कुछ समय ही पार्टी में रहे। 2000 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन सफलता नहीं मिली।

    दिग्गज नेता लोबिन हेम्ब्रम को हराया

    इसके बाद उन्होंने 2003 में भाजपा का दामन थामा और 2005 के चुनाव में पहली बार भाजपा के टिकट पर वह विधायक चुने गए। उन्होंने झामुमो के दिग्गज नेता लोबिन हेम्ब्रम को हराया था। 2019 में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने आजसू के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।

    रिकॉर्ड वोटों से हारे मरांडी

    इसके बाद पुन: भाजपा का दामन थाम लिया। 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें राजमहल लोकसभा सीट से टिकट दिया, लेकिन रिकॉर्ड मतों से वह हारे। विधानसभा चुनाव में वह पुन: बोरियो से टिकट चाह रहे थे लेकिन भाजपा ने लोबिन हेम्ब्रम को वहां से प्रत्याशी बनाया। इसके बाद वह पार्टी से नाराज चल रहे थे।

    विधानसभा चुनाव के दौरान ही उनके बेटों ने झामुमो की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। उधर, पाकुड़ छोटी राजबाड़ी की प्रतिमा पांडेय ने भी झामुमो का दामन थाम लिया। इन दोनों को पार्टी में शामिल कराने में झामुमो केंद्रीय समिति सदस्य पंकज मिश्रा की अहम भूमिका रही।

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