सिदो कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू समेत 11 ने किया सरेंडर; तीन को जेल भेजा, हूल दिवस पर हुआ था विवाद
साहिबगंज में हूल दिवस पर हुए विवाद के बाद सिदो कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू समेत 11 लोगों ने आज न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने आठ को जमानत दी जबकि तीन को जेल भेज दिया। प्रखंड विकास पदाधिकारी की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ था जिसमें नामजद और अज्ञात लोग शामिल थे। सरकारी कार्यक्रम में अनुमति न मिलने पर विवाद हुआ था।

संवाद सहयोगी, साहिबगंज। 30 जून को हूल दिवस पर बरहेट के भोगनाडीह गांव में हुए विवाद में आरोपित बनाए गए सिदो कान्हू के छठे वंशज मंडल मुर्मू समेत 11 लोगों ने सोमवार को न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया।
आत्मसमर्पण करने वालों में मंडल मुर्मू, ग्राम प्रधान बबलू हांसदा, मनोज मुर्मू, सन्नी मरांडी, शिवचरण हांसदा, सुशील बेसरा, चंद्रमोहन हांसदा, मुंशी हांसदा, बेंजामिन मालतो, टिका हांसदा व मनोज हांसदा शामिल हैं।
कोर्ट ने इनमें से मंडल मुर्मू समेत आठ लोगों को जमानत दे दी, जबकि बबलू हांसदा, चंद्रमोहन हांसदा व बेंजामिन मालतो को जेल भेज दिया।
इसके पूर्व 11 जुलाई को बरहेट पुलिस ने बरहेट प्रखंड के तलबड़िया के ग्राम प्रधान बेटका मुर्मू, बोरियो प्रखंड के पथरा के ग्राम प्रधान नरसिंह मरांडी व गोड्डा जिले के बोआरीजोर थाना क्षेत्र के चांदसर के चुनाराम बेसरा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
प्रखंड विकास पदाधिकारी ने दर्ज कराया था मामला
बताते चलें कि इस मामले में बरहेट के प्रखंड विकास पदाधिकारी अंशु कुमार पांडेय के आवेदन पर मामला दर्ज किया गया था, जिसमें पांच नामजद व लगभग डेढ़ सौ अज्ञात को आरोपित बनाया गया था।
साथ ही सिदो कान्हू के ही एक अन्य वंशज रूपचंद्र मुर्मू ने भी कुछ लोगों को जान मारने की नीयत से मारपीट, गाली गलौज व छेड़खानी का आरोप लगाते हुए बरहेट थाना में मामला दर्ज करवाया था, जिसमें मंडल मुर्मू समेत 10 लोगों को आरोपित बनाया गया था।
सरकारी कार्यक्रम में हुआ था विवाद
दरअसल, 30 जून को बरहेट के भोगनाडीह गांव में हूल दिवस के मौके पर सरकारी कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री समेत राज्य के कई मंत्री व बड़े नेता को शामिल होना था। उधर, मंडल मुर्मू के नेतृत्व वाली संस्था ने भी हूल दिवस पर कार्यक्रम की अनुमति मांगी थी।
संस्था को कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद प्रशासन व ग्रामीणों में भिड़ंत हो गई थी।प्रशासन द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा गया है कि कार्यक्रम की अनुमति न देने के बाद भी संस्था द्वारा कार्यक्रम स्थल के समीप टेंट आदि की व्यवस्था की जा रही थी।
इसके बाद हूल दिवस समारोह में व्यवधान उत्पन्न करने एवं सरकारी काम में आपराधिक षड्यंत्र रच बाधा उत्पन्न करने को लेकर ग्राम प्रधान बबलू हांसदा, बेंजामिन मालतो, बेटका मुर्मू, चंद्रमोहन हांसदा, सुधीर कुमार सहित कुछ अन्य लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया।
मुख्य गेट पर लगा दिए थे तीन ताले
इसके बाद हूल दिवस के दिन दूर दराज से आए लोग सिदो कान्हू की प्रतिमा पर पूजा अर्चना एवं माल्यार्पण कर रहे थे, लेकिन सुबह नौ बजे के लगभग कुछ असामाजिक तत्वों ने सिदो कान्हू पार्क से लोगों को निकाल दिया तथा सिदो कान्हू पार्क के मुख्य गेट पर बड़ा-बड़ा तीन ताला लगा दिया।
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— Yogesh Sahu (@ysaha951) July 21, 2025
इस वजह से पार्क के पास काफी भीड़ जमा हो गई। जब पदाधिकारियों द्वारा गेट का ताला खुलवाने का प्रयास किया गया तो विवाद उत्पन्न होने लगा और बबलू हांसदा, बेंजामिन मालतो, बेटका मुर्मू, चंद्रमोहन हांसदा, सुधीर कुमार आदि के नेतृत्व में लगभग डेढ़ सौ लोगों ने तीर धनुष, तलवार, भाला, फरसा, हसुआ, टांगी एवं अन्य नुकीले धारदार हथियार के साथ सिदो कान्हू पार्क के मुख्य गेट के पास पहुंचकर पुलिस प्रशासन पर हमला कर दिया।
उग्र भीड़ को दी थी चेतावनी
पुलिस बल को संभलने का मौका तक नहीं मिला। स्थिति को नियंत्रित करते हुए वहां मौजूद वरीय पदाधिकारी ने उग्र भीड़ को चेतावनी दी। लेकिन, भीड़ ने एक नहीं सुनी। भीड़ उग्र हो गई। भीड़ ने अचानक बरहेट थाना प्रभारी को जान मारने की नीयत से कुल्हाड़ी एवं तलवार लेकर दौड़ा दिया।
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बरहड़वा पर जानलेवा हमला किया गया। भीड़ ने कुछ पुलिस बल को तीर धनुष व अन्य के अलावे हथियार से वार कर घायल कर दिया।
इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। अंत में भीड़े को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल का प्रयोग करते हुए आंसू गैस के गोले दागे। इसके बाद शांति स्थापित हुई।
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