इस छोटी सी बात पर पुलिस पर भड़के आदिवासी, कई जवान घायल; आंसू गैस छोड़ कर भीड़ पर पाया काबू
साहिबगंज के भोगनाडीह में सिदो कान्हू पार्क का ताला टूटने पर आदिवासियों ने पुलिस पर हमला कर दिया जिसमें कुछ जवान घायल हो गए। पुलिस ने आंसू गैस का प्रयोग किया और स्थिति को नियंत्रित किया। घटना के बाद भारी पुलिस बल तैनात है। उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति सामान्य हुई। आदिवासियों ने सिदो कान्हू चांद भैरव व फूलो झानो की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

जागरण टीम, बरहेट/साहिबगंज। भोगनाडीह स्थित सिदो कान्हू पार्क का ताला टूटने से सोमवार को आदिवासी भड़क गए और पुलिस जवानों पर तीर-पत्थर से हमला कर दिया। इसमें कुछ पुलिस जवान घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।
घायल पुलिस जवानों को इलाज के लिए भेजा गया है। घटना के बाद भोगनाडीह में भारी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई है। मौके पर डीआइजी के साथ ही डीसी हेमंत सती, एसपी अमित कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी पहुंच गए हैं। हालांकि अब स्थिति सामान्य है। ताला खुलने के बाद लोग पार्क पहुंचे और सिदो कान्हू, चांद भैरव व फूलो झानो की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
गौरतलब है कि सिदो कान्हू हूल फाउंडेशन व आतु मांझी बैसी ने हूल दिवस पर भोगनाडीह में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति मांगी थी। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए अनुमति नहीं दी गई थी। इसके बाद भी संगठन की ओर से वहां पंडाल का निर्माण कराया जा रहा था। ऐसे में शनिवार की रात 13 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने उठा लिया।
इसके विरोध में सिदो कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू के नेतृत्व में आदिवासियों ने रविवार को सिदो कान्हू पार्क में ताला जड़ दिया और पारंपरिक हथियारों के साथ प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकारी कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन की ओर से बनाए जा रहे पंडाल के काम को भी चुड़का गाड़ कर रोक दिया।
इसकी सूचना मिलने पर साहिबगंज एसडीओ अमर जन आइंद, बरहरवा एसडीपीओ नितिन खंडेलवाल, राजमहल एसडीपीओ विमलेश त्रिपाठी, साहिबगंज एसडीपीओ किशोर तिर्की, बरहेट बीडीओ सह सीओ अंशु कुमार पांडेय, बरहेट थाना प्रभारी बरहेट पवन कुमार आदि दोपहर में वहां पहुंचे और मंडल मुर्मू व अन्य से वार्ता करने लगे।
आंदोलनकारी 13 कार्यकर्ताओं को छोड़ने और कार्यक्रम की अनुमति देने की मांग पर अड़े थे। हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं को देर शाम रिहा कर दिया गया। इसके बाद स्थिति सामान्य हो गई। दूसरी ओर संगठन को फिर से पंडाल बनाने से रोक दिया गया। इसके बाद आदिवासियों ने फिर से पार्क में ताला जड़ दिया। सोमवार को उसी ताले को तोड़ने को लेकर विवाद शुरू हुआ।
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