झारखंड और पश्चिम बंगाल का संपर्क टूटा, बाढ़ के पानी से टूटी एनएच-80 सड़क; कारोबार प्रभावित
साहिबगंज के बरहड़वा-फरक्का एनएच 80 पर निशिंदरा में कटान से यातायात चार दिन से ठप है। गुमानी नदी में जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात हैं जिससे पत्थर और पेट्रोल पंप व्यवसायों को भारी नुकसान हो रहा है। झारखंड और बंगाल के बीच वाहनों की आवाजाही बाधित है जिससे बाजार और ढाबों पर सन्नाटा पसरा है।

संवाद सहयोगी, बरहड़वा (साहिबगंज)। झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क, बरहड़वा-फरक्का एनएच 80, पर स्थित निशिंदरा क्षेत्र में कटान के कारण पिछले चार दिनों से आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है।
तेज बहाव के चलते कटान की स्थिति गंभीर हो गई है, जिससे आम जनजीवन और व्यवसायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। विशेष रूप से पत्थर और पेट्रोल पंप के व्यवसायों को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है, जो सरकार के राजस्व पर भी असर डाल रहा है।
हाल ही में क्षेत्र में हुई भारी वर्षा और बरहेट बराज परियोजना के गेट खोलने से गुमानी नदी का जलस्तर बढ़ गया, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई। बाढ़ का पानी निशिंदरा कटान से होते हुए छोटा गंगा तक पहुंच गया। तेज बहाव के कारण कटान में लगभग 40-50 फीट तक कटाव हो गया है।
इस स्थिति के कारण झारखंड और बंगाल की ओर से वाहनों की आवाजाही रुक गई है। बरहड़वा - फरक्का मुख्य पथ पर कई पत्थर लोड ट्रक और अन्य मालवाहक वाहन खड़े हैं। यह समस्या पिछले 40 वर्षों से हर वर्ष बारिश के मौसम में उत्पन्न होती है। पिछले वर्ष भी लगभग 15 दिनों तक आवागमन बाधित रहा था।
कटान के कारण पत्थर ढुलाई का कारोबार ठप होने से बाजार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। बरहड़वा - फरक्का मुख्य सड़क पर स्थित होटल, ढाबे, चाय और नाश्ता की दुकानों में सन्नाटा छा गया है। मोटर बिक्री और गैराज में भी काम की कमी आई है।
कटान का असर झारखंड, बंगाल के साथ-साथ बंगलादेश पर भी पड़ा है। प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक पत्थर लोड लेकर बंगलादेश पहुंचते थे, लेकिन पिछले चार दिनों से पत्थर नहीं जाने के कारण मंडी में कीमतों में वृद्धि हुई है।
फरक्का टीएमसी विधायक मनिरूल इस्लाम ने कहा कि कटान की समस्या लगभग 40 वर्षों से बनी हुई है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि एनएच के अंतर्गत उच्च स्तरीय पुल निर्माण की आवश्यकता है, लेकिन राज्य सरकार को केंद्र से एनओसी नहीं मिल रही है। उन्होंने वर्तमान भाजपा सरकार और पूर्व कांग्रेस सरकार पर भी कटान के समाधान में असफल रहने का आरोप लगाया है।
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