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    Jharkhand: शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, हटाए जाएंगे 38 सहायक अध्यापक; 40 शिक्षकों की बनी थी लिस्ट

    Updated: Tue, 20 May 2025 08:56 PM (IST)

    झारखंड के साहिबगंज में शिक्षा विभाग ने 38 सहायक अध्यापकों को हटाने का फैसला किया है। इन शिक्षकों ने फर्जी घोषित संस्थानों से इंटरमीडिएट की डिग्री ली थी। विभाग ने स्पष्टीकरण के बाद यह कार्रवाई की है। शिक्षकों ने इस फैसले का विरोध किया है और आंदोलन की चेतावनी दी है। प्रभावित शिक्षक विधायक बसंत सोरेन के आवास का घेराव करेंगे।

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    शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, हटाए जाएंगे 38 सहायक अध्यापक; 40 शिक्षकों की बनी थी लिस्ट

    डॉ. प्रणेश, साहिबगंज। जिले के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत 38 सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) हटाए जाएंगे। इनलोगों ने प्रयाग महिला विद्यापीठ इलाहाबाद, भारतीय शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश एवं हिंदी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद से इंटरमीडिएट की डिग्री ली है। राज्य सरकार इन संस्थानों को फर्जी घोषित कर चुकी है।

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    वैसे इन संस्थानों से इंटरमीडिएट करने वाले कई सहायक शिक्षकों को पूर्व में हटाया भी जा चुका है। 40 शिक्षक उसके बाद भी कार्यरत थे। इनमें से एक सेवानिवृत हो गए तथा एक के खिलाफ अभी जांच चल रही है। ऐसे में शेष बच गए 38 शिक्षकों का हटना तय है।

    इनमें उधवा के नौ, बोरियो व मंडरो के सात-सात, बरहेट के पांच, तालझारी के चार, बरहड़वा व राजमहल के तीन-तीन शिक्षक शामिल हैं। पिछले दिनों राज्य परियोजना निदेशक शशि रंजन ने सभी डीएसई सह अपर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को इस संबंध में पत्र भेजकर कार्रवाई करने को कहा है।

    इसके बाद विभाग एक बार पुन: रेस हो गया है। डीएसई ने सभी बीईईओ को पत्र भेजकर कहा है कि चिह्नित सहायक अध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा गया था जो संतोषजनक नहीं है। ऐसे में विहित प्रक्रिया के तहत निर्णय लेते हुए ऐसे सहायक अध्यापकों को तत्काल प्रभाव से विद्यालय में कार्य न लें एवं मानदेय भुगतान स्थगित करें।

    वैसे जानकारों की मानें तो फर्जी संस्थानों से इंटरमीडिएट करने वाले सहायक अध्यापकों की सूची बनाने में भी खेल किया गया है। ठीक से जांच हो तो कुछ और सहायक शिक्षक इस सूची में आएंगे।

    इन शिक्षकों को किया गया चिह्नित

    • चंदना मंडल उत्क्रमित मवि हिंदी मिर्जापुर
    • नय कुमार कुजूर प्राथमिक स्कूल कोटालपोखर
    • माे. मोहिबुर रहमान उत्क्रमित मवि हिंदी मिर्जापुर
    • मुंशी टुडू उत्क्रमित प्रावि लक्ष्मी पहाड़
    • चेनीबिटी किस्कू प्राथमिक विद्यालय पेटखस्सा
    • बबलू सोरेन उत्क्रमित प्रावि डुगूकाराम टो
    • अहिल्या देवी उत्क्रमित मवि मांझी टोला सनमनी
    • मीना कुमारी उत्क्रमित प्रावि लखियापत्ता
    • जितरे मुर्मू उत्क्रमित मवि बड़ा कुसमी
    • ओमप्रकाश जायसवाल मवि कुसुमपोखर
    • राहुल राय एनपीएस गोडा पहाड़
    • संझला हांसदा यूपीएस बालीडीह
    • प्रधान हेम्ब्रम मवि मुर्गाबनी
    • नारायण हांसदा उत्क्रमित मवि हाथीखूटा
    • लारेंस मुर्मू एनपीएस खैरबन्नी
    • ममता मीनू मुर्मू उत्क्रमित प्रावि बड़तल्ला प्रधान टोला
    • सुषमा देवी प्राथमिक विद्यालय पोड़ैया
    • मीना मुर्मू उत्क्रमित प्रावि बड़ा देवडांड सुरजा टोला
    • रोशनी सोरेन उत्क्रमित मवि आसनबोना
    • शुक्ला किस्कू उत्क्रमित प्रावि कामोदरी
    • मो. सज्जाद आलम प्रावि दामिनभिट्ठा
    • इमानुअल किस्कू उत्क्रमित प्रावि दयालपुर
    • दुलालचंद्र विश्वास उत्क्रमित मवि नारायणपुर दियारा
    • रूपये मुर्मू प्राथमिक विद्यालय संग्रामपुर
    • मो. तौफिकुल इस्लाम उत्क्रमित मवि समासपुर
    • फिरदौसी बानो प्राथमिक विद्यालय अंगूठिया
    • मधुलता देवी उत्क्रमित मवि दुधकोल
    • नीलम देवी उत्क्रमित प्रावि बड़ी भगियामारी
    • रमेश पहाड़िया उत्क्रमित प्रावि रोहड़ा
    • मो. सफरूद्दीन उत्क्रमित प्रावि नजरूल टोला
    • मो. अंसुर अली उत्क्रमित मवि कासपुरा
    • उत्तम कुमार प्रमाणिक उत्क्रमित मवि मोहनपुर
    • अजरूद्दीन शेख उत्क्रमित मवि मुसजाइस टोला
    • मोतीउर्र रहमान उत्क्रमित मवि कादिरटोला
    • डाली खातून उत्क्रमित प्रावि अबुल टोला
    • रफायल रसिक हांसदा उत्क्रमित मवि धरमपुर
    • सुबोल चंद्र राय प्राथमिक विद्यालय मारोपुर
    • मो. बरकत अली उत्क्रमित प्रावि अकनबोना लुत्फुल टोला

    इस मामले में शिक्षक कहीं से भी दोषी नहीं है। सरकार कभी मान्यता देती है और कभी वापस ले लेती है। अगर कोई शैक्षिक संस्था चल रही है तो आमलोगों को यह कैसे मालूम होगा कि उक्त संस्था की मान्यता है या नहीं। अगर किसी संस्था को मान्यता नहीं थी तो उसे बंद करा देना चाहिए था। अधिकतर शिक्षक 20 साल पूर्व बहाल हुए थे। उम्र के इस पड़ाव में शिक्षकों को हटाना कहीं से भी उचित नहीं है। हाईकोर्ट का जो निर्णय सहायक अध्यापकों के पक्ष में रहता है उसे सरकार लागू नहीं करती है लेकिन जो विपक्ष में होता है उसे तुरंत लागू कर देती है। इस मामले को लेकर सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन किया जाएगा। विकास कुमार चौधरी, प्रदेश महासचिव, झारखंड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ

    संबंधित सहायक अध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा गया था जो संतोषजनक नहीं है। चूंकि इन सहायक अध्यापकों के संबंध में पंचायत प्रशासनिक सह अनुशासनिक प्राधिकार ही निर्णय ले सकता है। ऐसे में प्राधिकार के सचिव सह प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को इस संबंध में निर्णय लेने को कहा गया है। कुमार हर्ष, जिला शिक्षा अधीक्षक, साहिबगंज

    बसंत सोरेन के आवास का घेराव

    विभाग के निर्णय से प्रभावित सहायक अध्यापक 21 मई को दुमका में विधायक बसंत सोरेन के आवास का घेराव करेंगे। झारखंड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ के प्रदेश महासचिव विकास कुमार चौधरी ने बताया कि 22 मई से स्कूलों में गर्मी की छुट्टी हो रही है। इस दौरान संबंधित सहायक अध्यापक सत्ता पक्ष के विधायकों व मंत्रियों के आवास के समक्ष आमरण अनशन करेंगे।

    तिथि तय करने के लिए जल्द ही संगठन की प्रदेश कमेटी की बैठक होगी। गौरतलब हो कि राज्य में 2002 से 2010 तक पारा शिक्षकों की बहाली हुई थी। बहाली के समय योग्यता मैट्रिक निर्धारित की गई थी। बाद में सभी को इंटर करने को कहा गया। इस दौरान कुछ लोगों ने प्रयाग महिला विद्यापीठ इलाहाबाद, भारतीय शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश एवं हिंदी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद से इंटरमीडिएट की डिग्री ले ली।

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