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    साहिबगंज के 360 गांवों में हथियार लाइसेंस के लिए अब वन विभाग से अनुमति जरूरी, पक्षियों के शिकार को रोकने की पहल

    By Shiv Shankar KumarEdited By: Nishant Bharti
    Updated: Fri, 26 Dec 2025 01:05 PM (IST)

    साहिबगंज जिले के उधवा, तालझारी, राजमहल व पतना प्रखंड के 360 गांव के लोगों को अब हथियार के लाइसेंस के लिए वन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होगा। वन ...और पढ़ें

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    हथियार लाइसेंस के लिए वन विभाग से अनुमति जरूरी

    शिवशंकर कुमार, साहिबगंज। साहिबगंज जिले के उधवा, तालझारी, राजमहल व पतना प्रखंड के 360 गांव के लोगों को अब हथियार के लाइसेंस के लिए वन विभाग से भी अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होगा। जिन लोगों के पास पूर्व से लाइसेंस है उन्हें रिनुअल के समय वन विभाग से अनुमति लेनी होगी। 

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    वन विभाग यह जांच करेगा कि उन पर वन अधिनियम के तहत किसी प्रकार का मुकदमा तो दर्ज नहीं है। अगर ऐसा होता है तो लाइसेंस को रिनुअल नहीं किया जाएगा। पक्षियों के शिकार को रोकने के उद्देश्य से वन विभाग ने वर्षों पूर्व यह नियम बनाया था। हालांकि, इसका पालन जिले में अभी तक नहीं हो रहा था। 

    अब विभाग की नजर इस ओर गई है। इसके बाद सख्ती से इसका पालन शुरू कर दिया गया है। उधवा को 17 अगस्त 1991 को पक्षी अभ्यारण्य घोषित किया गया था। पूर्व में यह हजारीबाग वन प्रमंडल के अधीन था। 565 हेक्टेयर में फैले इस बर्ड सेंक्चुअरी को 2021 में साहिबगंज वन प्रमंडल को सौंपा गया। इस साल उसे रामसर साइट घोषित कर दिया गया। यह झारखंड का इकलौता रामसर साइट है। 

    दायरे में आएंगे चार प्रखंड के 360 गांव 

    इस नियम के दायरे में उधवा, तालझारी, राजमहल व पतना प्रखंड के 360 गांव आएंगे। इन चारों प्रखंडों के अधिकतर गांव इस दायरे में आ रहे हैं। इसके अलावा बरहड़वा प्रखंड के भी कुछ गांव इस दायरे में आएंगे। अब तक हथियार के लिए आवेदन करने पर थाना, एसडीपीओ, एसडीओ, एसपी से डीसी सह आर्म्स मजिस्ट्रेट रिपोर्ट मांगते थे, लेकिन अब डीएफओ से भी रिपोर्ट मांगी जाएगी। 

    एक बार में अधिकतम पांच साल के लिए हथियार का लाइसेंस मिलता है। इस अवधि के बाद इसको रिनुअल कराना पड़ता है। बताया जा रहा है कि इस तथ्य के सामने आने के बाद उपायुक्त ने उस क्षेत्र के लाइसेंसधारकों की सूची वन विभाग को सौंप दी है। 

    वन विभाग अब उसकी जांच पड़ताल कर रहा है। इस क्रम में रिनुअल के लिए आए कुछ लोगों का लाइसेंस फंसने की भी बात सामने आ रही है। बर्ड सेंक्चुअरी में हथियार लेकर जाने के लिए लेनी होगी अनुमति : उधवा पक्षी अभयारण्य को रामसर साइट घोषित होने के बाद नियम कानून सख्ती से पालन कराने की दिशा में विभाग रेस हो चुका है। 

    अनदेखी पर सुरक्षा में तैनात कर्मचारी भी कार्रवाई के दायरे में

    सामान्य दिनों में यदि कोई वीआईपी, वीवीआईपी या जनप्रतिनिधि बर्ड सेंक्चुअरी का भ्रमण करने जाता है तो उनके साथ जाने वाले अंगरक्षकों को भी वन विभाग से लिखित अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति किसी के बर्ड सेंक्चुअरी में जाने पर संबंधित व्यक्ति के साथ-साथ बर्ड सेंक्चुअरी की सुरक्षा में तैनात कर्मचारी भी कार्रवाई के दायरे में आएंगे। 

    उधवा झील के रामसर साइट घोषित होने के बाद पूर्व के कुछ नियम- कानूनों का सख्ती से अनुपालन कराने का निर्देश मिला है। बर्ड सेंचुरी के 10 किमी के भीतर हथियार के लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों को अब वन प्रमंडल साहिबगंज से एनओसी लेना होगा। इसमें चार प्रखंडों के 360 गांव शामिल हैं। सामान्य दिनों में कोई भी हथियारबंद व्यक्ति सेंक्चुअरी के अंदर घूमने के ख्याल से जाता है तो उसे पूर्व से अनुमति लेनी होगी।-प्रबल गर्ग, डीएफओ, साहिबगंज