Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Borio Vidhan Sabha Seat: बोरियो में इस बार शिबू सोरेन के दो चेलों के बीच मुकाबला, कौन मारेगा बाजी?

    Updated: Tue, 12 Nov 2024 01:59 PM (IST)

    Jharkhand Election बोरियो विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। दरअसल यहां से शिबू सोरेन के दो चेले लोबिन हेम्ब्रम और धनंजय सोरेन एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। लोबिन हेम्ब्रम भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं जबकि धनंजय सोरेन झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। एक तीसरा उम्मीदवार सूर्यनारायण हांसदा झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

    Hero Image
    बोरियो में शिबू सोरेन के दो शिष्यों के बीच मुकाबला (जागरण)

    डा. प्रणेश, साहिबगंज। Jharkhand News: अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित बोरियो में इस बार मुकाबला झामुमो के संस्थापक शिबू सोरेन के दो शिष्यों यानी लोबिन हेम्ब्रम व धनंजय सोरेन के बीच है। पिछले साल तक दोनों एक ही पार्टी में थे। लोबिन हेम्ब्रम बोरियो से झामुमो के विधायक थे तो धनंजय सोरेन एक साधारण कार्यकर्ता।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पार्टी की नीतियों का विरोध करने की वजह से लोबिन हेम्ब्रम को झामुमो ने निष्कासित कर दिया तथा उनकी विधानसभा की सदस्यता तक समाप्त कर दी। इसके बाद लोबिन ने भाजपा का दामन थाम लिया।

    भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार भी बनाया। झामुमो द्वारा यहां से पूर्व मंत्री हेमलाल मुर्मू को चुनाव लड़ाने की चर्चा थी लेकिन पार्टी ने मंडरो से जिला परिषद सदस्य धनंजय सोरेन को टिकट दिया। ऐसे में दो गुरु भाइयों के बीच इस बार मुकाबला है।

    सूर्यनारायण हांसदा भी मैदान में

    उधर, पिछली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सूर्यनारायण हांसदा इस बार झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के टिकट पर मैदान में हैं और मुकाबले को त्रिकाेणीय बनाने की कोशिश में जुटे हैं। 2005 व 2014 में भाजपा के टिकट पर बोरियो से चुनाव जीतने वाले ताला मरांडी को इस बार भाजपा ने राजमहल से लोकसभा का चुनाव लड़ाया। बुरी तरह पराजित हुए। इसके बाद बोरियो से टिकट की आस लगाए थे। टिकट न मिलने से नाराज हैं। पार्टी में उनकी सक्रियता नहीं दिखती।

    छठी बार विधानसभा पहुंचने की मशक्कत : लोबिन हेम्ब्रम झामुमो के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। 1990 में झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़े थे।1995 में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। इसके बाद वह निर्दलीय मैदान में उतरे और चुनाव जीत गए। अगले चुनाव यानी 2000 में झामुमो ने उन्हें पुन: टिकट दिया और उन्होंने जीत दर्ज की। 2005 के चुनाव से एक बार ताला तो अगली बार लोबिन जीतते रहे हैं। वह छठी बार विधानसभा पहुंचने के लिए मशक्कत कर रहे हैं। यह उनका आठवां चुनाव है।

    5 बार विधायक रहने की वजह से सभी जाति व धर्म के लोगों तक उनकी पहुंच है। इसी वजह से लोकसभा चुनाव में निर्दलीय मैदान में उतरने पर बोरियो विधानसभा क्षेत्र में उन्हें 14133 मत मिले। इस वजह से उनके हौसले बुलंद हैं। दूसरी ओर बोरियो विधानसभा क्षेत्र में साहिबगंज नगर परिषद का भी कुछ भाग आता है और यहां के मतदाता परंपरागत रूप से भाजपा प्रत्याशी को मत देते रहे हैं।

    चुनाव चिह्न तीर-कमान पर भरोसा

    दूसरी ओर झामुमो प्रत्याशी धनंजय सोरेन मंडरो से जिला परिषद सदस्य हैं पर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले बोरियो व तालझारी प्रखंड के कार्यकर्ताओं के लिए वह नए हैं। वैसे पार्टी अपना नामांकन करने पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके पक्ष में बोरियो में सभा की थी। आगे भी झामुमो के स्टार प्रचारकों की सभा संभावित है। ऐसे में उन्हें पार्टी के चुनाव चिह्न तीर कमान पर भरोसा है।

    उधर, झामुमो के केंद्रीय सचिव पंकज मिश्रा के निकलने के बाद मिर्जाचौकी के झामुमो कार्यकर्ताओं के बीच उत्साह का संचार हुआ था। मिर्जाचौकी के पत्थर कारोबारी धनंजय सोरेन के पक्ष में एकजुट हो रहे थे लेकिन पांच नवंबर को अवैध खनन में जिले के कुछ पत्थर व्यवसायियों के यहां हुई सीबीआइ की छापेमारी के बाद ऐसे लोग भूमिगत हो गए हैं।

     Jharkhand Election 2024: झारखंड में कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका, इस दिग्गज नेता ने थामा BJP का दामन

    Jharkhand Election 2024: पिछले चुनाव के 11 विजेता सिंबल बदलकर लड़ रहे चुनाव, 2 कैंडिडेट ने पार्टी-सीट दोनों बदली