Amba Prasad: कौन हैं अम्बा प्रसाद? UPSC छोड़ राजनीति में ली एंट्री, घोड़े पर सवार होकर पहुंची थी विधानसभा
ईडी ने झारखंड की पूर्व विधायक अंबा प्रसाद से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रांची सहित 8 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई उनके रिश्तेदारों और करीबियों के ठिकानों पर की गई। अंबा प्रसाद कांग्रेस नेता हैं और बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके माता-पिता भी विधायक रह चुके हैं। उन्होंने 2019 में सबसे कम उम्र में विधानसभा सदस्य बनने का रिकॉर्ड बनाया।

जागरण संवाददाता, रांची। ईडी ने झारखंड की पूर्व विधायक अंबा प्रसाद से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। शुक्रवार को ईडी ने रांची सहित कुल 8 ठिकानों पर रेड डाली है।
यह रेड अंबा प्रसाद के रिश्तेदारों और करीबियों के ठिकानों पर की गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, रांची और हजारीबाग में कई जगहों पर ईडी की टीमें पहुंचीं और गहन तलाशी अभियान चलाया है।
कौन हैं अंबा प्रसाद?
अंबा प्रसाद एक कांग्रेस नेता, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह विधायक के तौर पर बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं।
कांग्रेस में मजबूत पकड़
वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से संबंधित हैं और वर्तमान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव और पश्चिम बंगाल की सह-प्रभारी के रूप में कार्य करती हैं।
माता-पिता दोनों विधायक रह चुके हैं
अंबा प्रसाद एक राजनीतिक परिवार से आती हैं। उनके पिता योगेंद्र साव, झारखंड सरकार में मंत्री रह चुके हैं, और उनकी मां निर्मला देवी भी विधायक रह चुकी हैं। वह अपनी भूमिकाओं को लेकर अक्सर सुर्खियों में रही हैं। महिला दिवस के दिन वह घोड़े पर सवार हो विधानसभा पहुंची थीं।
शैक्षणिक योग्यता
उन्होंने विनोबा भावे विश्वविद्यालय से एलएलबी और जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस से पीजीडीएम किया है। उन्होंने रांची हाई कोर्ट में भूमि अधिकारों और सामाजिक न्याय से संबंधित मुद्दों में वकालत भी की है।
राजनीतिक यात्रा
उन्होंने वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर सबसे कम उम्र में झारखंड विधानसभा की सदस्य बनने का रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते हुए राजनीति में प्रवेश किया, जब उनके माता-पिता को राजनीतिक साजिश के कारण जेल हुई।
क्षेत्रीय मुद्दे उठाती रहीं हैं
एक विधायक के रूप में अंबा प्रसाद भूमि अधिकारों, महिला सशक्तिकरण, आदिवासी कल्याण और ग्रामीण झारखंड में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच जैसे मुद्दों पर मुखर रही हैं। वह सतत विकास और अपने निर्वाचन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में सुधार के बारे में जागरूकता बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाती हैं।
सोशल मीडिया पर विशेष पहचान
झारखंडी गाने और नृत्य पर अल्बम भी जारी कर चुकी है। वह एक बार घोड़े पर सवार होकर विधानसभा पहुंची थीं, जो महिला सशक्तिकरण का संदेश देने का उनका तरीका था।
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