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    Jharkhand News: कितने बांग्लादेशी घुसपैठिये कब और कहां से आए? गृह मंत्रालय से मिला चौंकाने वाला जवाब

    Updated: Mon, 30 Dec 2024 08:38 AM (IST)

    झारखंड समेत देश के अन्य राज्यों में बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। झारखंड जनाधिकार महासभा से जुड़े सिरज दत्ता ने सूचना अधिकार के तहत ये जानकारी मांगी थी जिसके बाद गृह मंत्रालय ने ये स्पष्ट कर दिया है कि उनके पास बांग्लादेशी घुसपैठ का कोई डाटा नहीं है। इसकी जानकारी राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों या आप्रवासन ब्यूरो (ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन) के पास हो सकती है।

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    सूचना के अधिकार के तहत गृह मंत्रालय ने दी बांग्लादेशी घुसपैठियों की जानकारी

    प्रदीप सिंह, रांची। झारखंड समेत अन्य प्रांतों में बांग्लादेशी घुसपैठ और अवैध आप्रवासन से जुड़ी गतिविधियों को लेकर जारी राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इसका कोई डाटा केंद्रीय स्तर पर उपलब्ध नहीं है। इससे संबंधित जानकारी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों या आप्रवासन ब्यूरो (ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन) के पास हो सकती है। सूचना अधिकार के तहत मांगी गई एक जानकारी में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है।

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    झारखंड जनाधिकार महासभा से जुड़े सिरज दत्ता ने सूचना अधिकार के तहत ऑनलाइन आवेदन के जरिए इससे संबंधित जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय से मांगी थी।

    सिरज दत्ता ने गृह मंत्रालय से मांगी थी ये जानकारी

    • गृह मंत्रालय हर राज्य में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या बताए।
    • मंत्रालय हर राज्य में बसे बांग्लादेशी घुसपैठियों के लव जिहाद और लैंड जिहाद से जुड़े केस के बारे में जानकारी दे।
    • यह भी बताएं कि इसे लेकर क्या प्रशासनिक कदम उठाए गए।

    गृह मंत्रालय ने सिरज दत्ता द्वारा पूछे गए सवालों के उत्तर में यह जानकारी दी है कि अवैध घुसपैठिए भारतीय सीमा में चुपके से प्रवेश करते हैं। ऐसे सारे मामले विदेशी अधिनियम का निबंधन-1939 और नागरिकता -1955 के दायरे में आते हैं।

    देश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों और उनकी इस दौरान गतिविधियों से संबंधित कोई डाटा केंद्रीय गृह मंत्रालय के स्तर पर उपलब्ध नहीं है।

    इससे संबंधित जानकारी राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और आप्रवासन ब्यूरो (ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन) से मांगी जा सकती हैं।

    विधानसभा चुनाव में जोरदार तरीके से उठा था मुद्दा

    झारखंड में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा जोरदार तरीके से उठा था। भाजपा ने इससे संबंधित आरोप राज्य सरकार पर लगाए थे, जबकि सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) समेत उसके सहयोगी दलों ने इसे सिरे से नकार दिया था। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का क्रम अभी भी जारी है।

    विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद भी भाजपा ने जहां इसे मुद्दे पर आगे आंदोलन जारी रखने की बात कही है, वहीं झामुमो का कहना है कि समाज में नफरत पैदा करने की भाजपा की कोशिश कामयाब नहीं होगी।

    न्यायालय में चल रहा मामला

    झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने का निर्देश दिया था। इसके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

    झारखंड सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि झारखंड सीमावर्ती राज्य नहीं है। हाईकोर्ट का आदेश राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों में भाषणों का विषय बन गया है।

    झारखंड में घुसपैठ का दावा आंकड़ों पर आधारित नहीं है। ऐसे में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के गठन का हाईकोर्ट का आदेश घुसपैठ से निपटने की राज्य सरकार की स्वायत्तता और शक्ति में हस्तक्षेप होगा।

    राज्य सरकार के पास इस समस्या से निपटने के लिए कानून के तहत स्वतंत्र अधिकार हैं।

    झारखंड हाईकोर्ट में दानियल दानिश की ओर से एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। हाई कोर्ट ने संताल परगना प्रमंडल के जिला उपायुक्तों से भी इस संदर्भ में जानकारी मांगी थी। जिलों से आई रिपोर्ट में इसे बेबुनियाद बताया गया था।

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