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    Shibu Soren: दिशोम गुरु के गांव की ओर एक साथ बढ़े हजारों वाहन, लगा महाजाम

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 07:30 PM (IST)

    रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड स्थित बरलंगा थाना क्षेत्र का नेमरा गांव पिछले 12 दिनों से चर्चा में है। यह वही गांव है जहां झारखंड राज्य निर्माता दिशोम गुरु शिबू सोरेन का जन्म हुआ। उनका बचपन भी यहीं गुजरा। उनके संस्कार भोज में शामिल होने व अपने जननायक बाबा शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने के लिए के लिए हजारों की भीड़ उमड़ी पड़ी थी।

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    दिशोम गुरु के गांव नेमरा में श्रद्धांजलि देने को उमड़े लोग, वाहनों का तांता लगा।

    राज्य ब्यूरो, रांची । Jharkhand News रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड स्थित बरलंगा थाना क्षेत्र का नेमरा गांव पिछले 12 दिनों से चर्चा में है। देश-विदेश तक इस गांव को पहचान मिली है।

    यह वही गांव है, जहां झारखंड राज्य निर्माता दिशोम गुरु Shibu Soren का जन्म हुआ। उनका बचपन भी यहीं गुजरा। शिबू सोरेन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री थे और वर्तमान में राज्यसभा सदस्य रहते हुए गत चार अगस्त को दिवंगत हुए थे।

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    शनिवार (16 अगस्त) को शिबू सोरेन का संस्कार भोज था। उसमें शामिल होने व अपने जननायक बाबा शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने के लिए के लिए हजारों की भीड़ उमड़ी पड़ी थी।

    भीड़ ऐसी कि दोपहर होते होते नेमरा गांव से जुड़े सभी ब्रांच रोड जाम हो गए। दिशोम गुरु के गांव की ओर एक साथ हजारों गाड़ियां चल पड़ीं, जो जाम का कारण बनी थीं।

    आम लोग से लेकर वीआइपी, वीवीआइपी, पुलिस-प्रशासन के आला अफसर से लेकर कर्मचारियों-जवानों तक का हुजूम उमड़ पड़ा था। गांव में अलग-अलग छह हेलीपैड बने थे।

    यहां हेलीकाप्टर से केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, बाबा रामदेव, राज्यपाल संतोष गंगवार, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, पूर्व सांसद आरके आनंद, सांसद पप्पू यादव भी नेमरा पहुंचे और दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि दी।

    जाम की यह समस्या रामगढ़ के गोला चौक से नेमरा, सिल्ली-मुरी रोड से नेमरा तक एक समान थी। करीब 25 से 30 किलोमीटर लंबी जाम लगी।

    पूरी व्यवस्था संभालने के लिए भारी संख्या में आइपीएस अफसरों के अलावा राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की तैनाती की गई थी।

    नेमरा पहुंचने वाले सभी जिलों में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे। रांची में एयरपोर्ट से लेकर नेमरा गांव तक हर आधा-एक किलोमीटर के अंतराल पर बल की तैनाती थी।

    भीड़भाड़ वाले स्थानों पर ज्यादा चौकसी थी। इसके बावजूद यातायात व्यवस्था बेकाबू होती दिखी। हालांकि जाम के बावजूद वाहनों का आवागमन धीमी रफ्तार से होता रहा।

    गांव से 10 किलोमीटर पहले पार्किंग

    रामगढ़ जिला प्रशासन ने नेमरा गांव से 10 किलोमीटर पहले ही वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग की व्यवस्था की थी। कुल 14 पार्किंग स्थल चिह्नित थे। वहां से केवल वीवीआइपी की गाड़ियां ही गांव की ओर जाने दी जा रही थी।

    उस पार्किंग में गाड़ी लगाने वालों को वहां से जिला प्रशासन ने आटो व इलेक्ट्रिक आटो की व्यवस्था कर रखी थी। सभी फेरी सेवा के तहत लोगों को गांव से दो किलोमीटर पहले पहुंचाते थे और वहां से लेकर वापस लौटते थे।

    लोगों को करीब दो किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा था। जो वीआइपी व वीवीआइपी थे, उन्हें इलेक्ट्रिक आटो से दिशोम गुरु के गांव तक पहुंचाया जा रहा था।