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    इनका सपना हर घर से निकले नौकरशाह, जिम्मेदारी निभाने के साथ गढ़ रहे दूसरों का भविष्य

    By Sujeet Kumar SumanEdited By:
    Updated: Tue, 21 Apr 2020 02:42 PM (IST)

    कई अधिकारी अपने प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ युवाओं के ख्वाब पूरे करने में भी मदद कर रहे हैं। अभिनव प्रयोगों के जरिए इन्‍होंने सुदूर ग्रामीण इलाकों के बच्चों में ख्वाब भरे हैं।

    इनका सपना हर घर से निकले नौकरशाह, जिम्मेदारी निभाने के साथ गढ़ रहे दूसरों का भविष्य

    रांची, [ब्रजेश मिश्रा]। जनाब मुस्कुराइए। आपका सपना सच होने वाला है। यूपीएससी की परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर राज्य के अलग-अलग जिलों में बतौर उपायुक्त तैनात हो रहे कई अधिकारी अपने प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ युवाओं के ख्वाब पूरे करने में भी मदद कर रहे हैं। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में राज्य के युवाओं की न्यूनतम भागीदारी को इन अधिकारियों ने चुनौती के रूप में लिया है तथा अपने अभिनव प्रयोगों से बच्चों का भविष्य गढऩे की ठानी है।

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    शगुन सूतम योजना, ताकि मुस्कुराता बचपन देखें आइएएस बनाने का सपना

    ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल जाते बच्चों की फटी पुरानी पोशाक और टूटी चप्पल गरीबी के सार्वजनिक प्रदर्शन का सबसे स्याह सच रही है। अभावों में सुदूर गांवों के बच्चे अक्सर बड़े सपने नहीं देख पाते। बोकारो के उपायुक्त मुकेश कुमार Bokaro DC Mukesh Kumar ने छात्र-छात्राओं की पोशाक को ठीक करने के लिए शगुन सूतम नाम की योजना शुरू की। इसके जरिए जरूरतमंद महिलाओं को प्रशिक्षित कर पोशाक तैयार करने के काम में लगाया गया। स्माइलिंग सारा अभियान के तहत महिलाओं को चप्पल बनाने का तरीका सिखाया गया।

    मुकेश का मानना रहा है कि गांव के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थी कई बार संसाधनों के अभाव में सफल नहीं हो पाते। ऐसे में वे हीन भावना के शिकार भी हो जाते हैं। लिहाजा उपायुक्त के रूप में उन्होंने अलग अलग जिलों में युवाओं को सिविल सेवा में जाने के लिए अलग-अलग तरीके से जागरूक किया। इस क्रम में उन्होंने कई लोगों की वित्तीय सहायता भी की। मुकेश के अभिनव प्रयास के तहत लागू की गई योजना 'पेंट माय सिटी' की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात कार्यक्रम में कर चुके हैं।

    कस्तूरबा विद्यालय की चौखट से निकलकर यूपीएससी तक पहुंचे बेटियां

    देवघर की पहली महिला उपायुक्त नैंसी सहाय Deoghar DC Nancy Sahay जिले की महिलाओं व बेटियों की नई प्रेरणास्रोत बनकर उभर रही हैं। जिले के कस्तूरबा विद्यालय में पढऩे वाली छात्राओं को यूपीएससी के लिए तैयार करने की योजना पर वह काम कर रही हैं। इसके लिए वह विषय विशेषज्ञों से ऑनलाइन वीडियो पोर्टल तैयार करा रही हैं। इससे विषय के प्रति जानकारी और सामान्य ज्ञान की समझ विकसित करने में मदद मिलेगी।

    उन्होंने विद्यालय स्तर से ही पठन-पाठन को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। नैंसी का सपना है कि ग्रामीण इलाके से आने वाली बेटियां अपनी पढ़ाई के प्रारंभिक चरण से ही ऊंचा लक्ष्य लेकर चलें। 10वीं और 12वीं कक्षा में पढऩे वाली बेटियों में भाव पैदा हो कि वह जीवन में सबसे ऊंचा मुकाम हासिल कर सकती हैं।

    इनकी कोशिश पहली दहलीज पर ही बच्चों के विषय न रहें कमजोर

    यूपीएससी की परीक्षा में विषय पर पकड़ सबसे अनिवार्य शर्त है। 10वीं और 12वीं की कक्षाओं में अलग-अलग विषयों की मजबूत पकड़ सबसे बड़ी परीक्षा के लिए बेहद मददगार होती है। ग्रामीण इलाकों के बच्चों को यूपीएससी की दहलीज तक पहुंचाने के उद्देश्य से साहिबगंज के डीसी आइएएस वरुण रंजन Sahibganj DC IAS Varun Ranjan ने अभिनव प्रयोग किया। दुमका जिले में अपनी पदस्थापना के दौरान उन्होंने कान्क्वेस्ट प्रोग्राम की शुरुआत की।

    इसके तहत सरकारी स्कूलों के योग्य शिक्षकों की मदद से अलग-अलग विषयों के 100 से अधिक वीडियो तैयार कराए गए। इसके जरिए बच्चों के सभी कठिन सवालों के जवाब बताए और सिखाए गए। यह वीडियो अभी भी यूट्यूब पर मौजूद है। साहिबगंज में भी करीब 3500 छात्र-छात्राओं को विशेष परीक्षा की तैयारियों के लिए चिह्नित किया गया है।