झारखंड में इतिहास: IPS तदाशा मिश्रा बनीं राज्य की पहली महिला नियमित DGP, नियमावली बदलकर सरकार ने सौंपी कमान
Jharkhand सरकार ने 1994 बैच की आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा को झारखंड की पहली महिला नियमित डीजीपी नियुक्त किया है। इस नियुक्ति के लिए सरकार ने नियमावली ...और पढ़ें

नियमावली में संशोधन कर राज्य सरकार ने बनाया नियमित डीजीपी।
राज्य ब्यूरो, रांची। 1994 बैच की आइपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा को राज्य सरकार ने झारखंड पुलिस का नियमित डीजीपी बनाया है। वह झारखंड की पहली महिला नियमित डीजीपी बनी हैं। उन्हें नियमित डीजीपी बनाने के लिए राज्य सरकार ने अपनी नियमावली में भी संशोधन किया, जिसमें नियमित डीजीपी के लिए सेवानिवृत्ति की तिथि कम से कम छह महीने रहना अनिवार्य था।
तदाशा मिश्रा को राज्य सरकार ने छह नवंबर को झारखंड का प्रभारी डीजीपी बनाया था। उनकी वास्तविक सेवानिवृत्ति तिथि 31 दिसंबर 2025 थी। यानी सेवानिवृत्ति से केवल 55 दिन पहले उन्हें प्रभारी डीजीपी बनाया गया था। ऐसी स्थिति में यह तय माना जा रहा था कि राज्य में नियमित डीजीपी किसी और काे बनाया जाएगा, क्याेंकि तदाशा मिश्रा को उनकी सेवानिवृत्ति से छह महीने पहले प्रभारी डीजीपी नहीं बनाया गया है।
इसी बीच राज्य सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति को लेकर बनी राज्य सरकार की महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक झारखंड (पुलिस बल प्रमुख) का चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2025 को संशोधित किया।
इसमें सेवानिवृत्ति की तिथि छह माह की बाध्यता को खत्म किया और उसी नियमावली के आधार पर तदाशा मिश्रा को राज्य का नियमित डीजीपी बनाया है। इस नियमावली को मानें तो अब तदाशा मिश्रा अगले दो सालों के लिए यानी वर्ष 2027 तक के लिए झारखंड की डीजीपी रहेंगी।
बेहतर प्रशासनिक दक्षता से अपने पद का संचालन कर चुकी है तदाशा मिश्रा
आइपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा हमेशा से ही निर्विवाद रहीं हैं। उन्होंने अपने पद पर रहते हुए बेहतर प्रशासनिक दक्षता का परिचय दिया है। वह झारखंड के प्रभारी डीजीपी के पद पर रहते हुए पुलिस विभाग के भीतर अपने कनीय पुलिस पदाधिकारियों से बेहतर समन्वय कायम किया और नियम विरुद्ध कोई कार्य नहीं होने दी।
झारखंड के प्रभारी डीजीपी बनने से पूर्व वे गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग में विशेष सचिव का पद संभाल रहीं थीं। वह पूर्व में रांची में सिटी एसपी, जैप वन व जैप टू में समादेष्टा के पद पर कार्यरत रहीं। बोकारो व गिरिडीह में एसपी रहीं, डीआइजी कार्मिक के पद को भी संभाला। बाद में आइजी मानवाधिकार, आइजी विशेष शाखा और जोनल आइजी बोकारो भी रहीं।
नियुक्ति का बैकग्राउंड
तदाशा मिश्रा को नवंबर 2025 में अनुराग गुप्ता के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था। गुप्ता की नियुक्ति फरवरी 2025 में हुई थी, लेकिनलगातार विवादों के कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया। मिश्रा ने 7 नवंबर 2025 को चार्ज संभाला और अब दिसंबर 2025 में उनकी नियुक्ति को नियमित कर दिया गया है।
यह कदम राज्य में पुलिस सुधार और नक्सलवाद विरोधी अभियानों को मजबूत करने की दिशा में देखा जा रहा है। हाल ही में सीआरपीएफ डीजी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह के साथ उनकी बैठक में नक्सल विरोधी रणनीतियों पर चर्चा हुई थी।
तदाशा मिश्रा का प्रोफाइल
- बैच और अनुभव: 1994 बैच की आईपीएस अधिकारी, जिन्होंने विभिन्न पदों पर काम किया है, जिसमें रांची और अन्य जिलों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं शामिल हैं।
- व्यक्तिगत जीवन: 2018 में अपने बेटे को खोने के बावजूद उन्होंने मजबूती से अपना करियर जारी रखा।
- उपलब्धियां: झारखंड पुलिस में महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत, और राज्य की पहली महिला डीजीपी

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