झारखंड डीजीपी नियुक्ति विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, केंद्र-राज्य में टकराव बरकरार
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। याचिकाओं में नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं। बाबूलाल मरांडी सहित कई याचिकाकर्ताओं ने गुप्ता की नियुक्ति को चुनौती दी है। केंद्र सरकार ने गुप्ता के सेवा विस्तार को अस्वीकार कर दिया था लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें पद पर बनाए रखा।

एजेंसी, नई दिल्ली/रांची। झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करने वाला है।
इस याचिका में दावा किया गया है कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
कई याचिकाएं दायर कर राज्य के डीजीपी के रूप में गुप्ता की नियुक्ति को चुनौती दी गई है। इन याचिकाओं में झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी द्वारा दायर की गई याचिका भी शामिल है।
प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजरिया की पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है।
अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल को 60 वर्ष की आयु में केंद्र सरकार के नियमों के तहत सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन राज्य सरकार ने उनके कार्यकाल के विस्तार के लिए केंद्र को पत्र लिखा। सूत्रों के अनुसार, केंद्र ने राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
डीजीपी अनुराग गुप्ता के मुद्दे पर केंद्र-राज्य के बीच टकराव बरकरार
डीजीपी अनुराग गुप्ता के मुद्दे पर केंद्र व राज्य सरकार के बीच टकराव बरकरार है। केंद्र सरकार ने अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल को ही सेवानिवृत्त माना है। इसे लेकर केंद्र ने राज्य सरकार को कई बार पत्राचार भी किया था और उन्हें डीजीपी के पद से हटाने का निर्देश दिया था।
इसके बावजूद अनुराग गुप्ता को राज्य सरकार ने डीजीपी के पद पर बैठा रखा है। केंद्र ने डीजीपी की नियुक्ति को लेकर बनी झारखंड सरकार की नियुक्ति नियमावली को भी नियम विरुद्ध माना है और उसके आधार पर अनुराग गुप्ता के सेवा विस्तार को असंवैधानिक बताया है।
केंद्र के पत्राचार के बावजूद राज्य सरकार अपने निर्णय पर अडिग है और अनुराग गुप्ता का डीजीपी के पद पर सेवा विस्तार को वैध बताया है।
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