Jharkhand Assembly: बाबूलाल के सदन में नहीं बोलने संबंधित बयान पर हंगामा, विपक्ष ने लगाया 'तानाशाही नहीं चलेगी' का नारा
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन जोरदार हंगामा हुआ। बाबूलाल मरांडी के सदन में नहीं बोलने संबंधित बयान पर सत्ता व विपक्ष आपस में भिड़ गए। इसके चलते कार्यवाही 12.30 तक के लिए स्थगित कर दी गई। इस बीच भाजपा के विधायकों ने सदन में तानाशाही नहीं चलेगी विपक्ष की आवाज दबाना बंद करो के नारे भी लगाए।

राज्य ब्यूरो, रांची। विधानसभा में शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को सत्र शुरू होते ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के नहीं बोलने संबंधित बयान पर सदन का माहौल गरम हो गया। सत्ता पक्ष व विपक्ष के विधायक आसन के समक्ष आमने-सामने आ गए। भाजपा के विधायकों ने सदन में तानाशाही नहीं चलेगी, विपक्ष की आवाज दबाना बंद करो की नारेबाजी करने लगे। हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
बाबूलाल मरांडी पर आसन को कार्रवाई करनी चाहिए: प्रदीप यादव
दरअसल, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के विधायक प्रदीप यादव ने व्यवस्था का सवाल उठाते हुए कहा कि बाबूलाल मरांडी ने आसन पर आरोप लगाया है कि उन्हें सदन में बोलने नहीं दिया गया है। अध्यक्ष पर या आसन पर आरोप सदन की अवमानना है।
बाबूलाल मरांडी पर आसन को कार्रवाई करनी चाहिए। अवैध खनन का पैसा दाहू यादव के पास से पकड़ाता है तो भाजपा विधायक मुख्यमंत्री का पैसा बताते हैं। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। विधायक प्रदीप यादव का इतना बोलना था कि भाजपा के विधायक हंगामा शुरू कर दिए और आसन के सामने पहुंच गए।
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बाबूलाल को है जनता की आवाज उठाने का अधिकार: अमर बाउरी
इसी बीच नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने प्रदीप यादव के आरोपों पर जोरदार तरीके से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि बाबूलाल इसी सदन के सदस्य हैं। किसी के आशीर्वाद से यहां नहीं पहुंचे हैं, उन्हें राजधनवार की जनता ने यहां चुनकर भेजा है। उनको यहां बोलने का अधिकार है, जनता की आवाज उठाने का अधिकार है।
विधानसभा की खाता बही में बाबूलाल मरांडी झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष हैं तो इस नाते भी उन्हें सदन में बोलने का अधिकार है। बाबूलाल हैंड रेज करके बोलने के लिए आसन से समय मांग रहे थे, इसके बावजूद उन्हें सदन में अपनी बातों को रखने नहीं दिया गया। अगर उन्हें बोलने ही नहीं देना है तो उन्हें हमेशा के लिए निलंबित कर दिया जाय। ऐसे में प्रदीप यादव को अपने बयान पर माफी मांगना चाहिए।
आपस में भिड़े अमर बाउरी और प्रदीप यादव
अमर बाउरी का इतना कहना था कि प्रदीप यादव फिर से सदन में खड़े हो गए और जोर-जोर से कहने लगे कि वे चार साल से सदन में जेवीएम के नेता हैं।
अगर बाबूलाल मरांडी को अपने क्षेत्र की जनता की समस्या उठाना था तो आज तक उन्होंने एक बार भी मुझसे समय नहीं मांगा। ऐसे में उनका बयान असंवैधानिक है, आसन के खिलाफ है, उनपर कार्रवाई होनी चाहिए।
हंगामा बढ़ता देख कार्यवाही स्थगित
प्रदीप यादव के इस बयान के बाद भाजपा के विधायक उग्र हो गए। सबसे पहले बाघमारा के विधायक ढुल्लू महतो आसन के सामने पहुंचे जिन्हें विधानसभा अध्यक्ष ने आसन पर जाकर अपनी बात रखने के लिए कहा।
तब तक भाजपा के सभी विधायक आसन के सामने पहुंच गए और नारेबाजी शुरू कर दिए। सत्ता पक्ष भी विपक्ष के इस हंगामे के विरोध में आसन के सामने पहुंच गया। हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

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