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    भाजपा की चुनावी नैया पार लगाएंगे पूर्णकालिक

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Thu, 13 Jul 2017 09:42 AM (IST)

    झारखंड के 81 विधानसभा क्षेत्रों के मोर्च पर एक-एक पूर्णकालिक को तैनात कर दिया गया है। ...और पढ़ें

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    भाजपा की चुनावी नैया पार लगाएंगे पूर्णकालिक

    मृत्युंजय पाठक, धनबाद। तीन साल पहले हुए चुनावी हार से समूचा विपक्ष अभी उबर भी नहीं पाया है कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चुनावी मशीन की तरह अभी से मैदान में उतर गई है। झारखंड के 81 विधानसभा क्षेत्रों के मोर्च पर एक-एक पूर्णकालिक को तैनात कर दिया गया है। ये अगले एक साल तक विधानसभा क्षेत्र में घूम-घूम कर एक-एक बूथ के सामाजिक समीकरण का अध्ययन कर राजनीतिक कुंडली तैयार करेंगे। इस कुंडली को पढ़कर मिशन-2019 को सफल बनाने की चुनावी रणनीति तैयार की जाएगी।

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    केंद्र में नरेंद्र मोदी और झारखंड में रघुवर दास के नेतृत्व में सरकार चला रही भाजपा मिशन-2019 की तैयारी में जुट गई है। जिस राजनीतिक धमाके के साथ भाजपा लोकसभा चुनाव- 2014 फतह कर केंद्र की सत्ता में सत्तासीन हुई थी उसी तरह लोकसभा चुनाव-2019 जीतकर केंद्र की सत्ता बरकरार रखने की तैयारी में भाजपा जुट गई है। अगला लोकसभा चुनाव दो साल बाद 2019 में होना है। लेकिन, भाजपा कोई जोखिम लेना नहीं चाहती है। वह अगले एक साल में तमाम तरह के चुनावी कल-पुर्जे कस लेना चाहती है।

    झारखंड में लोकसभा की 14 क्षेत्र हैं। इन लोकसभा क्षेत्रों के तहत झारखंड विधानसभा की 81 क्षेत्र हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तर्ज पर भाजपा ने पूर्णकालिकों की फौज तैयार की है। एक-एक पूर्णकालिक को एक-एक विधानसभा की जिम्मेवारी सौंपी गई है। धनबाद जिले में पूर्णकालिक मनमीत सिंह को धनबाद विधानसभा, बृजेंद्र ओझा को सिंदरी विधानसभा, सुमन सिंह को टुंडी विधानसभा, चंदन वर्णवाल को बाघमारा विधानसभा, बिषुन यादव को झरिया विधानसभा और राम सिंह मुंडा को निरसा विधानसभा की जिम्मेवारी सौंपी गई है।

    धनबाद जिले में पूर्णकालिक मनमीत सिंह को धनबाद विधानसभा, बृजेंद्र ओझा को सिंदरी विधानसभा, सुमन सिंह को टुंडी विधानसभा, चंदन वर्णवाल को बाघमारा विधानसभा, बिषुन यादव को झरिया विधानसभा और राम सिंह मुंडा को निरसा विधानसभा की जिम्मेवारी सौंपी गई है।

    जनप्रतिनिधि-संगठन में समन्वय

    पूर्णकालिक अपने-अपने क्षेत्र के विधायक की कार्यशैली की रिपोर्ट भी तैयार करेंगे। साथ ही सासंद-विधायक और संगठन के बीच समन्वय स्थापित करने का काम करेंगे। ऐसा कर जनप्रतिनिधियों से कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर की जाएगी। पूर्णकालिक सोशल मीडिया में टाईगर टाइप नेताओं पर भी नजर रखेंगे जो आए दिन बयानबाजी कर सरकार और संगठन की फजीहत कराते हैं।

    सामाजिक समीकरण का अध्ययन

    प्रत्येक विधानसभा का अलग-अलग सामाजिक समीकरण होता है। सबसे निचला स्तर बूथ के समीकरण में भी एकरूपता नहीं होती है। पूर्णकालिक बूथ स्तर पर सामाजिक समीकरण का अध्ययन करेंगे।

    की-वोटरों पर डोरा डालना

    की-वोटर यानी प्रत्येक बूथ क्षेत्र के वैसे खास व्यक्ति जो चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करते हैं। की-वोटर में दूसरे दल के व्यक्ति और जनप्रतिनिधि भी हो सकते हैं। बिना बुलाए ही उनके घरों पर जाकर चाय पिलाने का अनुरोध करेंगे। राम-सलाम करेंगे।

    हर बूथ का लेखा-जोखा

    विधानसभावार एक-एक बूथ पर पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पड़े वोटों का लेखा-जोखा तैयार किया जाएगा। कौन से बूथ पर भाजपा कितने वोट मिले? जिन बूथों पर भाजपा पीछे रही अगले चुनाव में वोटों में बढ़ोत्तरी के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।

    कार्यकर्ता की बनेगी सूची

    एक साल तक प्रवास और भ्रमण के दौरान पूर्णकालिक पार्टी अच्छे कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करेंगे। कार्यकर्ताओं की सक्रियता और भूमिका का भी आकलन करेंगे। इन सबकी सक्रियता के बाबत नेतृत्व को अवगत कराएंगे।

    भ्रमण को मिली नई बाइक

    एक साल तक घर-परिवार छोड़कर पार्टी के लिए त्याग करने वाले पूर्णकालिकों का भाजपा ख्याल रख रही है। प्रत्येक पूर्णकालिक को एक-एक नई बाइक देकर विधानसभा क्षेत्रों में भेजी गई है। साथ ही प्रति माह 15 हजार रुपये मिलेंगे। बाइक में तेल भराकर पूर्णकालिक घर-घर पहुंचेंगे।
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    झारखंड के सभी विधानसभा क्षेत्रों में पूर्णकालिकों को तैनात कर दिया गया है। ये बूथ से लेकर मंडल कमेटी स्तर के संगठन को मजबूत और क्रियाशील बनाने के लिए स्थानीय लोगों से मिलकर काम करेंगे।

    -गणेश मिश्र, प्रशिक्षण प्रमुख, भाजपा झारखंड प्रदेश।

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