आइपीएस अस्थाना की चार्जशीट के बाद गिरफ्तार हुए थे लालू
आइपीएस अफसर राकेश अस्थाना ने ही धनबाद में डीजीएमएस के महानिदेशक को घूस लेते गिरफ्तार किया था।

जेएनएन, नई दिल्ली/रांची। रांची से जुड़े तेज तर्रार कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार आइपीएस अफसर राकेश अस्थाना को ही चारा घोटाले की जांच की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने ही लालू प्रसाद यादव के खिलाफ 1996 में चार्जशीट दायर की थी। इसके बाद ही 1997 में लालू पहली बार गिरफ्तार हुए थे। तब वे सीबीआइ एसपी के तौर पर तैनात थे।
वर्तमान में वे सीबीआई एडिशनल डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं। वे रांची सीबीआइ ऑफिस के पहले एसपी रहे हैं। अस्थाना के नाम लालू से लंबी पूछताछ का रिकार्ड भी है। 1997 में उन्होंने चारा घोटाले के मामले में लालू प्रसाद से 6 घंटे तक पूछताछ की थी।
नेतरहाट से मैट्रिक व रांची सेंट जेवियर से इंटर
राकेश अस्थाना का जन्म 1961 में रांची में ही हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा नेतरहाट स्कूल में तो इंटर की परीक्षा रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से उत्तीर्ण की। 1978 में आइएससी करने के बाद अपने पैतृक घर आगरा चले गए। फिर जेएनयू से उच्च शिक्षा के बाद रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज में ही इतिहास के प्राध्यापक बने। 1984 में उन्होंने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और आइपीएस अधिकारी बन गए। इन्हें गुजरात कैडर मिला था। धनबाद में सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के एसपी रह चुके हैं तो रांची में वे डीआइजी के पद पर तैनात थे।
इन मामलों में भी रहे चर्चित
अस्थाना ने ही धनबाद में डीजीएमएस के महानिदेशक को घूस लेते गिरफ्तार किया था। देश में यह पहला मामला था, जब महानिदेशक स्तर के अधिकारी सीबीआइ गिरफ्त में आये थे। 1994 में उन्होंने पुरुलिया आर्म्स ड्रॉप मामले का पर्यवेक्षण किया था। इसके अलावा उन्होंने चर्चित गोधरा कांड की भी जांच की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आरके राघवन की अगुआई में गठित एसआइटी ने भी सही माना था।
अहमदाबाद में 26 जुलाई, 2008 को हुए बम ब्लास्ट की जांच का जिम्मा भी इन्हें दिया गया था। उन्होंने 22 दिनों में ही ही मामले को सुलझा दिया था। इतना ही नहीं आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण सांईं के मामले की भी जांच की थी। फरार चल रहे नारायण सांईं को हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर पकड़ा था।
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