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Hemant Soren : हेमंत सोरेन का 'सद्दाम' कनेक्शन, इसी के घर पर मिली थी कब्जाई जमीन की डीड और...

Land Scam Case रांची जमीन घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी का एक्शन लगातार जारी है। जांच में लगातार नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। इस बीच ईडी ने विशेष अदालत में दाखिल रिमांड आवेदन में जानकारी दी है। ईइी ने बताया कि प्रतिबंधित श्रेणी की जमीन बेचने में अंतु तिर्की व जमीन दलालों का सिंडिकेट सक्रिय था।

By Dilip Kumar Edited By: Shashank Shekhar Published: Wed, 17 Apr 2024 03:48 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2024 03:48 PM (IST)
Hemant Soren: हेमंत सोरेन का 'सद्दाम' कनेक्शन, इसी के घर पर मिली थी कब्जाई जमीन की डीड और... (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, रांची। ईडी ने पीएमएलए की विशेष अदालत में दाखिल झामुमो नेता अंतु तिर्की व अन्य के विरुद्ध रिमांड आवेदन में जमीन घोटाले में मिले तथ्यों की जानकारी दी है। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि गत वर्श 13 अप्रैल 2023 को एक आरोपित सद्दाम हुसैन के ठिकाने से 1940 का डीड नंबर 3985 बरामद हुआ था। यह डीड 6.34 एकड़ जमीन के लिए तैयार हुआ था, जिसमें खाता नंबर 234 के कईप्लॉट शामिल हैं।

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इनमेंप्लॉट नंबर 989 की 84 डिसमिल वप्लॉट नंबर 996 की 32 डिसमिल जमीन भी शामिल हैं। दोनों हीप्लॉट की उक्त जमीन भी हेमंत सोरेन के कब्जे वाली 8.86 एकड़ जमीन का हिस्सा है। ईडी ने जांच में यह भी पाया कि 1940 के उक्त डीड की सभी 6.34 एकड़ जमीन भुइहरी प्रकृति की है, जिसकी खरीद-बिक्री नहीं की जा सकती है।

इसके बावजूद उसपर अवैध रूप से कब्जा किया गया व उसे बेचा गया। उक्त जमीन पर हेमंत सोरेन, सद्दाम हुसैन, अफसर अली, प्रियरंजन सहाय, अंतु तिर्की व अन्य ने गलत तरीके से कब्जा किया।

डायरी में मिले अंतु तिर्की व हेमंत के बीच पैसों के लेन-देन के सबूत

ईडी को जांच के क्रम में सद्दाम के ठिकाने से एक डायरी भी मिला। इस डायरी में हेमंत सोरेन से जुड़ी भुइहरी प्रकृति की भूमि से संबंधित खाता नंबर 234 की कुछ जमीन की गलत तरीके से खरीद-बिक्री व रुपयों के लेन-देन के सबूत मिले हैं।

डायरी के पन्ने में भारी मात्रा में नकदी लेन-देन के सबूत मिले हैं, जो खाता नंबर 234 के लिए सद्दाम व अंतु तिर्की के बीच हुए थे।

गाड़ी मौजा की जमीन का भी मिला है फर्जी डीड

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि सद्दाम हुसैन, अफसर अली, भानु प्रताप प्रसाद, प्रियरंजन सहाय, विपिन सिंह, इरशाद अख्तर व अन्य फर्जी डीड तैयार करने में शामिल थे। इन लोगों ने 1947 का डीड नंबर 3954 व 1940 का डीड नंबर 2376 फर्जी बनाया। इनमें एक फर्जी डीड 4.83 एकड़ से संबंधित है, जो गाड़ी मौजा के खाता नंबर 53 की 37.10 एकड़ जमीन का ही भाग है।

आरोपित विपिन सिंह व प्रियरंजन सहाय सरकारी दस्तावेज में हेराफेरी में शामिल थे। 4.83 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के लिए मूल पंजी टू में हेराफेरी करने में इन्हें अफसर अली, भानु प्रताप प्रसाद, शेखर कुशवाहा उर्फ शेखर महतो व अन्य ने सहयोग किया।

फर्जी डीड के लिए रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता का उपलब्ध कराया ब्लैंक पेपर

4.83 एकड़ जमीन की फर्जी डीड तैयार करने के लिए मोहम्मद इरशाद अख्तर ने अपने उपरोक्त सहयोगियों को कोलकाता के रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस का ब्लैंक पेपर उपलब्ध कराया। उसने कोलकाता के होटल पियरलेस इनन में रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस कोलकाता मूल दस्तावेज भी उपलब्ध कराया।

यहां अफसर अली व सद्दाम ने उक्त मूल दस्तावेज में हेराफेरी की। मूल दस्तावेज में हेराफेरी करने के बाद आरोपितों ने प्रियरंजन सहाय को वाट्सएप पर इसकी सूचना दी।

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