Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बहू ने दायर की याचिका और फंस गए शिबू सोरेन! सुप्रीम कोर्ट ने पलटा फैसला, जानें क्या है पूरा मामला

    Updated: Mon, 04 Mar 2024 07:37 PM (IST)

    वोट के बदले नोट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। 1998 के फैसले को पलटते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि सांसद और विधायकों को रिश्वत मामले में कोई छूट नहीं दी जा सकती है। यह विशेषाधिकार के तहत नहीं आता और वोट के लिए रिश्वत लेना विधायी काम का हिस्सा नहीं है। इस फैसले से शिबू सोरेन और बहू सीता सोरेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

    Hero Image
    बहू ने दायर की याचिका और फंस गए शिबू सोरेन! सुप्रीम कोर्ट ने पलटा फैसला, जानें क्या है पूरा मामला

    राज्य ब्यूरो, रांची। वोट के बदले नोट मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। वर्ष 1998 के फैसले को पलटते हुए शीर्ष अदालत ने कहा है कि सांसद और विधायकों को रिश्वत मामले में कोई छूट नहीं दी जा सकती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह विशेषाधिकार के तहत नहीं आता है और वोट के लिए रिश्वत लेना विधायी काम का हिस्सा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अब झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन और उनकी विधायक बहू सीता सोरेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। शिबू सोरेन फिलहाल झामुमो के राज्यसभा सदस्य हैं और सीता सोरेन जामा विधानसभा क्षेत्र से झामुमो की विधायक हैं।

    चुनाव में रिश्वत लेकर वोट देने के मामले में आरोपित

    शिबू सोरेन समेत झामुमो के चार तत्कालीन सांसदों पर 1991 में नरसिंह राव की सरकार बचाने के लिए रिश्वत लेकर उनके पक्ष में वोट करने का आरोप है। वहीं, सीता सोरेन वर्ष 2012 के राज्यसभा चुनाव में रिश्वत लेकर वोट देने के मामले में आरोपित हैं।

    सीता सोरेन पर वर्ष 2012 में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी आरके अग्रवाल से डेढ़ करोड़ रुपये लेकर वोट देने का आरोप है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। उन्होंने सीबीआई कोर्ट में सरेंडर किया। उन्हें जेल भी जाना पड़ा। हाईकोर्ट में उन्होंने कार्रवाई को चुनौती दी, लेकिन याचिका खारिज हो गई।

    इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन समेत चार तत्कालीन सांसदों को रिश्वत कांड में मिली राहत का हवाला देते हुए आपराधिक मुकदमे से छूट की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले को खंडपीठ को भेज दिया।

    खंडपीठ ने पूर्व के फैसले पर दोबारा विचार करने का फैसला देते हुए कहा था कि क्या किसी सांसद अथवा विधायक को वोट के बदले नोट लेने की छूट दी जा सकती है? क्या ऐसा कर कोई आपराधिक मुकदमे से बचने का दावा कर सकता है?

    शिबू सोरेन समेत चार सांसदों पर आरोप

    1993 में तत्कालीन झामुमो सांसद शिबू सोरेन समेत चार पार्टी सांसदों पर रिश्वत लेने के आरोप लगे थे। इसमें शिबू सोरेन के अलावा शैलेन्द्र महतो, सूरज मंडल और साइमन मरांडी शामिल हैं। शैलेन्द्र महतो में बाद में भाजपा में शामिल हो गए। वे जमशेदपुर से सांसद भी निर्वाचित हुए।

    ये भी पढ़ें-

    Kalpana Soren: मंच से कल्पना सोरेन के छलके आंसू, पति हेमंत को लेकर कह दी भावुक करने वाली बात; Video

    Lok Sabha Election: BJP से इस सीट पर पार पाना मुश्किल, अबतक MY फॉर्मूला भी बेअसर; क्या कहता है सियासी समीकरण