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    Lok Sabha Election: BJP से इस सीट पर पार पाना मुश्किल, अबतक MY फॉर्मूला भी बेअसर; क्या कहता है सियासी समीकरण

    Koderma Lok Sabha Constituency लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा भले नहीं हुई है लेकिन भाजपा ने पहली सूची में 195 उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है। कोडरमा से मौजूदा सांसद अन्नपूर्णा देवी का भी शामिल है। कोडरमा लोकसभा क्षेत्र शुरुआत से ही भाजपा का मजबूत गढ़ रहा है। इस लोकसभा सीट से भाजपा को आठ बार सफलता मिली है।

    By Anup Kumar Sinha Edited By: Shashank Shekhar Updated: Mon, 04 Mar 2024 05:58 PM (IST)
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    Lok Sabha Election: BJP से इस सीट पर पार पाना मुश्किल, अबतक MY फॉर्मूला भी बेअसर;

    अनूप कुमार, कोडरमा। Koderma Lok Sabha Constituency निर्वाचन आयोग ने भले ही अभी लोकसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा नहीं की है, लेकिन भाजपा ने अपनी पहली सूची में 195 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। इसमें कोडरमा से वर्तमान सांसद अन्नपूर्णा देवी का नाम भी शामिल है।

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    वहीं, चुनाव को लेकर भाजपा की तैयारियां जोरों पर है। भाजपा का संसदीय चुनाव कार्यालय खुल चुका है। इसके अलावा प्रभारी, संयोजक, सह संयोजक सभी अपने-अपने स्तर से तैयारियों में लगे हैं। वैसे तो कोडरमा लोकसभा क्षेत्र शुरुआत से ही भाजपा का मजबूत गढ़ रहा है।

    1977 में अस्तित्व में आई कोडरमा लोकसभा सीट

    वर्ष 1977 में चतरा से अलग होकर पहली बार अस्तित्व में आने के बाद कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद स्वर्गीय रीतलाल प्रसाद वर्मा 5 बार सांसद निर्वाचित हुए हैं। वे 1977 में भारतीय लोकदल, 1980 में जनता पार्टी, 1989, 1996 और 1998 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते।

    इसके बाद वर्ष 2004 में बाबूलाल मरांडी, 2014 में रविंद्र राय, और 2019 में वर्तमान सांसद अन्नपूर्णा देवी को भाजपा के टिकट पर एक-एक बार यहां से जीतने का मौका मिला। वर्ष 2006 में भाजपा से अलग होने के बाद बाबूलाल मरांडी अपनी लोकप्रियता के कारण निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में यहां से लोकसभा का उपचुनाव जीते।

    13 चुनावों में कुल 8 बार भाजपा जीती 

    वहीं, 2009 में बाबूलाल मरांडी अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा के निशान पर सांसद चुने गए। इस बीच वर्ष 1984 और 1999 में दो बार इस सीट से कांग्रेस के तिलकधारी सिंह और एक बार 1991 में जनता दल के मुमताज अंसारी ने जीत का परचम लहराया। यानी अबतक हुए कुल 13 चुनावों में कुल 8 बार भाजपा के ही उम्मीदवार (भारतीय लोकदल और जनता पार्टी मिलाकर) विजयी रहे।

    भाजपा से अलग होने के बाद बाबूलाल मरांडी के दो कार्यकाल को इसमें जोड़ दिया जाए तो जीत की यह संख्या 10 हो जाती है। वहीं वर्ष 2004 से भाकपा माले यहां लाल झंडा गाड़ने का लगातार प्रयास कर रही है। भाकपा माले के राजकुमार यादव को दो बार 2009 और 2014 के चुनाव में फर्स्ट रनर अप रहने का मौका जरूर मिला, लेकिन मैदान अब तक फतह नहीं कर पाए।

    BJP सांसद अन्नपूर्णा देवी के नाम सर्वाधिक वोटों से जीत का रिकॉर्ड 

    अब तक सर्वाधिक मत से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड वर्ष 2019 में राजद छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं वर्तमान सांसद अन्नपूर्णा देवी के नाम है। यादव, मुस्लिम व अन्य पिछड़ा बहुल इस लोकसभा क्षेत्र में भाजपा अन्य पिछड़ा वैश्य व अगड़ी जाति के समन्वय से हमेशा ही कांग्रेस, राजद व वाम दलों के एमवाइ गठजोड़ पर भारी रही है। लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या करीब 20 लाख है।

    वर्ष 2019 में पहली बार भाजपा ने यादव प्रत्याशी के रूप में अन्नपूर्णा देवी को उतारा तो यादव मतदाताओं का ध्रुवीकरण भाजपा की ओर हुआ, जिसका परिणाम रहा कि जीत का अंतर रिकॉर्ड मतों का हो गया। इस बार क्षेत्र में दस वर्षों तक मजबूत संगठन बना चुके बाबूलाल मरांडी की झाविमो का भाजपा में विलय हो चुका है। ऐसे में विपक्षी गठबंधन के लिए कोडरमा के मैदान में भाजपा को टक्कर देना काफी चुनौतीपूर्ण होगा।

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