Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Shri Krishna Singh Jayanti: श्रीकृष्ण सिंह ने जाति प्रथा को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई: सुबोध सिंह

    By Jagran NewsEdited By: Sanjay Kumar
    Updated: Fri, 21 Oct 2022 03:00 PM (IST)

    Shri Krishna Singh Jayanti 2022 बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती शुक्रवार को रांची में मनाई गई। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री सुबोध कुमार सिंह गुड्डू ने कहा कि श्रीकृष्ण सिंह ने जाति प्रथा को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

    Hero Image
    Shri Krishna Singh Jayanti 2022: बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती आज।

    रांची, जासं। Shri Krishna Singh Jayanti 2022 बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती शुक्रवार को रांची के डोरंडा स्थित श्रीकृष्ण पार्क में मनाई गई। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री सुबोध कुमार सिंह गुड्डू के नेतृत्व में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सबसे पहले उनकी प्रतिमा की सफाई की गई। फिर सभी लोगों ने माल्यार्पण किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस मौके पर सुबोध सिंह ने कहा कि श्रीकृष्ण सिंह ने बिहार में छुआछूत की प्रथा को कम करने और जमींदारी प्रथा को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने औद्योगिकरण को बढ़ावा दिया। रांची में एचईसी की स्थापना उन्हीं के प्रयास से हुआ। सभी लोगों ने श्रीबाबू के विचारों को अपने जीवन में उतारने और समाज में सभी वर्ग के लोगों का सहयोग करने का संकल्प लिया।

    बिहार से लेकर झारखंड तक उद्योग धंधे को किया स्थापित

    सुबोध सिंह ने कहा कि श्री बाबू के सोच का यह प्रतिफल है की बिहार एवं झारखंड में औद्योगिकीकरण की शुरुआत हुई एवं उनके कार्यकाल में बहुत पैमाने पर उद्योग धंधे बिहार से लेकर झारखंड तक स्थापित किए गए। चाहे सिंदरी का खाद कारखाना हो, सीमेंट कारखाना हो, बरौनी का तेल शोधक कारखाना हो, बरौनी का खाद कारखाना हो। श्रीबाबू का मानना था कि किसानी हमारे प्रदेश की रीढ़ है तो उद्योग धंधे हमारे जीवन की रेखा।

    देवघर बाबा वैद्यनाथ के मंदिर में पहली बार अनुसूचित जाति को दिलाया प्रवेश

    उन्होंने कहा कि श्रीबाबू पहले व्यक्ति थे जिन्होंने देवघर बाबा वैद्यनाथ के मंदिर में पहली बार अनुसूचित जाति के लोगों के साथ प्रवेश कर पूजा करने का काम किया था। उस समय के रूढ़िवादी लोग इसका विरोध भी किए लेकिन उन्होंने किसी की एक न सुनी। श्रीबाबू जीवन पर्यंत समरस समाज के पैरोकार थे। यह उनके बड़े व्यक्तित्व की पहचान है कि हम उन्हें न ही किसी जाति बंधन में बांध सकते हैं, ना ही किसी राजनैतिक दल के बंधन में।

    ये लोग रहें उपस्थित

    इस अवसर पर अनिल सिंह, झारखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज टंडन, अधिवक्ता शिव शंकर, अजय कुमार, मुनचुन राय, पार्षद कृष्णा महतो, मृत्युंजय शर्मा ,नीरज शर्मा, शिवजी सिंह ,रिंटू ,बबलू, प्रेम ,रघुवंशी सिंह, ,विशाल चौधरी,रत्नेश सिंह ,विक्रम, अजनेश, अजय गिरी, विजय कुमार, बिट्टू ,मुन्ना सिंह, अमिताभ धीरज, विक्की मिश्रा, अमित राय जीके साथ-साथ श्री बाबू के परपोती के पति आशीष आलोक भी उपस्थित थे।