इटकी में आदिवासी समाज की हुंकार, कुड़मी को ST दर्जा देने के विरोध में रांची में महारैली
इटकी में सरना समाज ने कुड़मी समुदाय को ST दर्जा देने के विरोध में रैली की। उनका मानना है कि इससे उनकी संस्कृति और अधिकारों पर असर पड़ेगा। समाज ने रांची में महारैली करने और सरकार को मांगों पर ध्यान न देने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। वे अपनी संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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संवाद सूत्र, इटकी (रांची)। कुड़मी/कुरमी समाज द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा की मांग के विरोध में, इटकी प्रखंड के सरना समाज ने शुक्रवार को प्रभात तारा मैदान, रांची में आयोजित हुआ।
आदिवासी हुंकार महारैली में शामिल होने के लिए जोरदार प्रदर्शन के साथ एक बड़ा जत्था गढ़गांव चचगुरा से रवाना हुआ, जिसका नेतृत्व इटकी प्रखंड के पांच पड़हा के अध्यक्ष सुखदेव उरांव और खद्दी उरांव ने किया।
रैली में शामिल होने के लिए 12 पड़हा, सात पड़हा, और 21 पड़हा के सैकड़ों लोग एकजुट हुए। प्रदर्शनकारियों ने ज़ोरदार नारेबाजी की और इस मांग को आदिवासियों के हक और अधिकार छीनने का एक राजनीतिक षड्यंत्र बताया।
उनका कहना था कि यदि कुड़मी/कुरमी को एसटी का दर्जा मिलता है तो इससे आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। आदिवासी हुंकार महारैली में शामिल होने वाले इस जत्थे में इटकी प्रखंड के मोरो, नारी, कुल्ली, गढ़गांव चचगुरा, कुंदी सहित दर्जनों गाँव के सरना समाज के लोग शामिल थे, जिन्होंने अपने पारंपरिक अधिकारों के संरक्षण के लिए एकजुटता का प्रदर्शन किया।
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