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    Jharkhand News: झारखंड में बालू एक बार फिर निजी हाथों में, जेएसएमडीसी की जगह अब यहां होगा टेंडर

    Updated: Fri, 09 May 2025 10:39 AM (IST)

    झारखंड सरकार ने बालू का कारोबार निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया है। कैबिनेट ने झारखंड सैंड माइनिंग रूल्स 2025 को लागू करने का फैसला किया जिसके तहत बालू घाटों के लिए जिलों में टेंडर होगा। इससे झारखंड राज्य खनिज विकास निगम की भूमिका सीमित हो जाएगी। साथ ही कैबिनेट ने 34 प्रस्तावों को मंजूरी दी जिनमें मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना और एक विश्वविद्यालय का नाम बदलना शामिल है।

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    झारखंड में बालू टेंडर का तरीका बदला (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand News: झारखंड में एक बार फिर बालू का कारोबार निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया गया है। गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में झारखंड सैंड माइनिंग रूल्स 2025 को लागू करने का निर्णय लिया गया, जिसके अनुसार अब बालू घाटों के लिए जिलों में ही टेंडर किया जाएगा।

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    झारखंड राज्य खनिज विकास निगम की भूमिका अब सिमट गई है। वर्तमान में जेएसएमडीसी के पास ही राज्य के सभी बालू घाटों का अधिकार था। इसके साथ कैबिनेट की बैठक में कुल 34 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई।

    राज्य के तमाम अस्पतालों के लिए अब मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना को लागू किया जाएगा, जिसपर करीब 299 करोड़ रुपये की लागत आएगी। साथ ही डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम बदलकर वीर शहीद बुद्धु भगत विश्वविद्यालय करने का निर्णय लिया गया।

    बालू घाटों का टेंडर अब जिलों में होगा

    राज्य सरकार ने एक बार फिर बालू घाटों को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया है। इसको लेकर झारखंड सैंड माइनिंग रूल्स को प्रभावी बनाया जा रहा है। इसके लागू होने से बालू घाटों पर से जेएसएमडीसी का एकाधिपत्य खत्म हो जाएगा। बालू घाटों के क्षेत्रफल एवं आकार के हिसाब से जिलों में टेंडर करने की व्यवस्था लागू होगी।

    सातवां वेतनमान ले रहे राज्य कर्मियों को एक जनवरी 2025 के प्रभाव से 53 प्रतिशत की जगह 55 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा। इसका लाभ सेवानिवृत्त कर्मियों को भी पेंशन मद में मिलेगा।

    स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई बदलाव होंगे, सैकड़ों करोड़ की योजनाएं स्वीकृत

    राज्य कैबिनेट ने प्रदेश में स्वास्थ्य संरचनाओं में व्यापक फेरबदल का निर्णय लिया है। चिकित्सकों की बहाली से लेकर नीतियों में संशोधन तक को स्वीकृति प्रदान की गई है। इनका प्रभावी बनाने में सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च होंगे।

    कैबिनेट ने राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के अंतर्गत क्षेत्रीय नेत्र संस्थान की स्थापना के लिए विभिन्न स्तर के कुल 103 पदों के सृजन की स्वीकृति दी है। इसके साथ ही राज्य में अवस्थित शहीद निर्मल महतो मेडिकल कालेज, धनबाद, एमजीएम मेडिकल कालेज, जमशेदपुर, शेख भिखारी मेडिकल कालेज, हजारीबाग, फुलो-झानो मेडिकल कालेज, दुमका तथा मेदिनीराय मेडिकल कालेज, पलामू में सुपर स्पेशियलिटि के विभिन्न विभागों में शैक्षणिक संवर्ग के कुल- 168 आवश्यक पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।

    राज्य में अगले पांच वर्षों (वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30) के लिए मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना को चरणबद्ध तरीकों से सभी चिकित्सा महाविद्यालयों, जिला अस्पतालों, अनुमंडल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो एवं स्वास्थ्य उपकेंद्रों में लागू किए जाने पर कुल 299.3 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

    योजना की प्रशासनिक स्वीकृति एवं स्वास्थ्य संस्थानों को वाई-फाई से युक्त करने के लिए भारत संचार निगम लिमिटेड के मनोनयन तथा हास्पीटल मैनेजमेंट इंफोर्मेशन सिस्टम के क्रियान्वयन को लेकर राज्य में सी-डैक जो भारत सरकार का उपक्रम है, के मनोनयन की स्वीकृति दी गई।

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