RSS का प्रशिक्षण शिविर स्थगित, जून तक देश में नहीं होगा संघ का कोई सामूहिक कार्यक्रम
Rashtriya Swayamsevak Sangh. संघ पर लगे प्रतिबंध के समय को छोड़ दिया जाए तो यह पहली बार है जब संघ ने पूरे देश में चलने वाले अपने तीनों तरह के प्रशिक्षण शिविर को स्थगित कर दिया है।
रांची, [संजय कुमार]। कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपटने में प्रशासन एवं समाज का सहयोग कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जून तक अपने सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है। इस दौरान किसी भी तरह का सामूहिक कार्यक्रम नहीं होगा। संघ पर लगे प्रतिबंध के समय को छोड़ दिया जाए तो यह पहली बार है जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पूरे देश में चलने वाले अपने तीनों तरह के प्रशिक्षण शिविर को स्थगित कर दिया है। 20 दिनों तक चलने वाले प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के शिविर में चयनित स्वयंसेवकों को कड़ा प्रशिक्षण दिया जाता है।
आरएसएस के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि अभी अधिकतर स्वयंसेवक पूरे देश में राहत कार्य चलाने में लगे हैं। आगे कैसी परिस्थिति बनेगी, यह कहा नहीं जा सकता है। इसलिए इस बार प्रशिक्षण शिविर, योजना बैठक सहित सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। आगे जैसी स्थिति रहेगी, उसके हिसाब से निर्णय लिया जाएगा।
आरएसएस ने पहली बार अपने प्रशिक्षण वर्ग को स्थगित किया है। कोरोना वायरस के कारण संघ में जून तक कोई सामूहिक कार्यक्रम नहीं होंगे। यहां बता दें कि प्रत्येक वर्ष देश के सभी राज्यों में 20 दिनों के लिए चयनीत स्वयंसेवकों का प्रथम एवं द्वितीय वर्ष का प्रशिक्षण होता है। इसमें सभी स्वयंसेवक कड़ी मेहनत करते हैं। संघ अपने स्वयंसेवकों को शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक दृष्टि से प्रशिक्षित करने के लिए प्रतिवर्ष संघ शिक्षा वर्ग लगाता है। पिछली बार 19000 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण लिया था। यह काम 1929 से चल रहा है। तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण नागपुर में होता है। यहां पूरे देश से द्वितीय वर्ष के प्रशिक्षित स्वयंसेवक भाग लेते हैं।
तृतीय वर्ष के समापन समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी हुए थे शामिल
एक सप्ताह का प्राथमिक शिक्षा वर्ग करने वाले स्वयंसेवकों को प्रथम वर्ष के शिविर में भेजा जाता है, जो सभी प्रांतों में लगता है। प्रथम वर्ष प्रशिक्षित को द्वितीय वर्ष के शिविर में भेजा जाता है जिसमें दो से तीन राज्य से स्वयंसेवक भाग लेते हैं। द्वितीय वर्ष प्रशिक्षित स्वयंसेवक को तृतीय वर्ष में भेजा जाता है जो केवल आरएसएस के मुख्यालय नागपुर में ही लगता है। इसमें पूरे देश के स्वयंसेवक भाग लेते हैं। 2018 के तृतीय वर्ष के प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी शामिल हुए थे।
अप्रैल से शुरू होकर जून तक चलता है शिविर
संघ शिक्षा वर्ग का आयोजन सभी राज्य अपने यहां के मौसम को ध्यान में रखते हुए करते हैं। जहां मानसून पहले आता है वहां पहले इसका आयोजन किया जाता है। केरल, तमिलनाडु जैसे राज्यों में 15 अप्रैल से ही इसकी शुरुआत होनी थी। वहीं पंजाब में जून में आयोजित किया जाता है। इस शिविर में 20 दिनों तक स्वयंसेवक कड़ी मेहनत करते हैं। सुबह चार बजे से लेकर रात्रि 10 बजे तक उनका प्रशिक्षण चलता है।