Ranchi: RSS और विहिप 14 अगस्त को मनाएंगे अखंड भारत संकल्प दिवस, लोगों से की ये अपील
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 14 अगस्त को अखंड भारत संकल्प दिवस मनाने जा रहा है। इस दौरान स्वयंसेवक भारत को अखंड बनाने का संकल्प लेंगे। इस कार्यक्रम में बाहर के लोगों से भी शामिल होने के लिए आग्रह किया गया है। इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद ने भी पूरे देश में 14 अगस्त को अखंड भारत दिवस मनाने की तैयारी की है।

संजय कुमार, रांची: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 14 अगस्त को देश भर में अखंड भारत संकल्प दिवस मनाने की तैयारी की है। इस कार्यक्रम का आयोजन संघ की सभी शाखाओं के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर भी होगा।
इधर, रविवार की छुट्टी होने के कारण कहीं-कहीं आज (13 अगस्त) भी सामूहिक कार्यक्रम होंगे। एक से डेढ़ घंटे के इस कार्यक्रम में पूरे परिवार के साथ संघ के स्वयंसेवक शामिल होंगे और भारत को फिर से अखंड बनाने का संकल्प लेंगे।
इस कार्यक्रम में बाहर के भी लोगों से शामिल होने का आग्रह किया गया है। कार्यक्रम के दौरान अखंड भारत माता की पूजा करने के साथ ही उनकी आरती की जाएगी।
साथ ही उपस्थित लोगों को बताया जाएगा कि प्राचीन समय में अखंड भारत कैसा था। हम कब-कब विभाजित हुए।
उधर, विश्व हिंदू परिषद ने भी पूरे देश में 14 अगस्त को अखंड भारत दिवस मनाने की तैयारी की है। जिला और प्रखंड मुख्यालयों सहित विहिप की जहां-जहां समितियां हैं, उन सभी स्थानों पर कार्यक्रम का आयोजन होगा।
स्मृतियों को फिर से याद कराने की आवश्यकता
आरएसएस अपने स्थापना काल से ही हर वर्ष 14 अगस्त को अखंड भारत संकल्प दिवस मनाता आया है। परंतु, समाज का एक बड़ा हिस्सा इस बात को भूलता जा रहा है कि जब भारत अखंड था तो कैसा था।
संघ का मानना है कि आने वाली पीढ़ी के साथ-साथ समाज के लोगों को इसकी याद दिलाने की आवश्यकता है, इसलिए संघ ने शाखा के साथ-साथ सार्वजनिक रूप से भी कार्यक्रम करने की योजना बनाई है।
सरसंघचालक डाक्टर मोहन भागवत कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि लोगों को अपने "स्व" के बारे में जानना चाहिए। अंग्रेजों के आने से पहले हम कैसे थे, हमारा देश कैसा था, इसे सभी को जानना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने की थी विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अगस्त 2021 को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने की घोषणा की थी। उनका मानना है कि देश के बंटवारे का दर्द, लोगों का संघर्ष और उस समय बलिदान हुए लोगों की स्मृति को याद करने की आवश्यकता है। उस समय लाखों लोग मारे गए थे। उस विभीषिका को आज भी लोग याद कर रो पड़ते हैं।
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