अवैध खनन मामले में अब तक की गई कार्रवाई की मांगी रिपोर्ट,आदेश का पालन नहीं होने पर चलेगी अवमानना की कार्यवाही
झारखंड हाई कोर्ट ने पैनम कोल माइंस अवैध खनन मामले में अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाएगी। अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी। इस संबंध में रामसुभग सिंह ने जनहित याचिका दाखिल की है।

राज्य ब्यूरो,रांची । झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने पैनम कोल माइंस के अवैध खनन को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले में सरकार द्वारा कानूनी कार्रवाई की जानकारी नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताई। अदालत ने सरकार को दो दिनों के अंदर जानकारी देने का निर्देश दिया।
कहा कि यदि कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाएगी। अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी। इस संबंध में रामसुभग सिंह ने जनहित याचिका दाखिल की है।
याचिका में कहा गया है कि पाकुड़ जिले के पचवारा नार्थ और सेंट्रल कोल माइंस में निर्धारित लक्ष्य से अधिक का खनन पैनम कंपनी ने किया है।
खनन में की गई गड़बड़ी के खिलाफ वर्ष 2015 में जनहित याचिका दाखिल की गई थी। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि कंपनी ने गड़बड़ी की है और अब कंपनी चली गई है।
अदालत को बताया गया कि कंपनी की ओर से की गई गड़बड़ी की बात सरकार ने स्वीकार की, लेकिन सरकार ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जो गलत है।
वर्ष 2017 में तत्कालीन खान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने शपथपत्र दाखिल कर बताया था कि कंपनी ने गड़बड़ी की है और अवैध माइनिंग से विस्थापित हुए लोगों के लिए कंपनी ने कुछ नहीं किया है।
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