Jharkhand High Court: वाहनों के प्रेशर हार्न, अनधिकृत लाइटें और झंडा तत्काल हटाएं, रात दस से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकर भी बैन
हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य में मोटर वाहन नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। अदालत ने वाहनों पर राजनीतिक दलों धार्मिक और किसी प्रकार के अनधिकृत झंडा तत्काल हटाने और ध्वज संहिता के प्रविधानों का विधिवत पालन करने को कहा है।

राज्य ब्यूरो, रांची। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य में मोटर वाहन नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने वाहनों पर राजनीतिक दलों, धार्मिक और किसी प्रकार के अनधिकृत झंडा तत्काल हटाने और ध्वज संहिता के प्रविधानों का विधिवत पालन करने को कहा है। अदालत ने इस पर कार्रवाई कर डीजीपी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
मामले में अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी। अदालत ने वाहनों में प्रेशर हार्न, मल्टी टोन हार्न, अतिरिक्त लाइट और मोडिफाइड वाहनों को सड़कों पर नहीं चलने देने का निर्देश दिया है।
वाहनों में अतिरिक्त लाइट मुख्य रूप से लाल और नीले रंग की लाइट, जो आपातकालीन वाहनों का आभास देती हैं, उनको तत्काल हटाने का निर्देश दिया है।
अदालत ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी भी हाल में रात दस बजे से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकर नहीं बजाया जाए।
इस संबंध में खुशीलाल महतो ने जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में रामगढ़ में नई कोल वाशरी खोले जाने से होने वाले प्रदूषण का मामला उठाया गया है।
इस पर अदालत ने झालसा के सदस्य सचिव को स्थल निरीक्षण करने का निर्देश दिया था। झालसा की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि बसंतपुर और उक्त कोल वाशरी को जोड़ने वाली सड़क लगभग 400 मीटर की दूरी पर क्षतिग्रस्त है।
क्षतिग्रस्त सड़क के कारण ग्रामीणों को उड़ती धूल से समस्या हो रही है। वाहनों डंपिंग ट्रकों के चलने से शोर भी हो रहा है। अदालत ने सीसीएल को उक्त सड़क बनाने का निर्देश दिया है।
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