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    12 साल से रेंजर को सेवानिवृत्ति बकाया भुगतान नहीं दिया, इसके बादत हाई कोर्ट ने पीसीसीएफ को ऐसी सजा दी

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 11:39 AM (IST)

    झारखंड हाई कोर्ट ने सेवानिवृत्ति बकाया का भुगतान नहीं करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की। सुनवाई के बाद अदालत ने पीसीसीएफ अशोक कुमार के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि जब तक प्रार्थी का सेवानिवृत्ति बकाया भुगतान नहीं हो जाता तब तक पीसीसीएफ को वेतन नहीं मिलेगा।

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    हाई कोर्ट ने बकाया भुगतान नहीं करने पर पीसीसीएफ के वेतन पर लगा दी रोक।

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने सेवानिवृत्ति बकाया का भुगतान नहीं करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की।

    सुनवाई के बाद अदालत ने पीसीसीएफ अशोक कुमार के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि जब तक प्रार्थी का सेवानिवृत्ति बकाया भुगतान नहीं हो जाता, तब तक पीसीसीएफ को वेतन नहीं मिलेगा।

    अदालत ने कहा कि सेवानिवृत्ति बकाया सरकार का पैसा नहीं, जो उसे रोका गया है। 12 साल से किसी का पैसा रोका गया है, उसकी स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।

    अदालत ने पीसीसीएफ की ओर से समय दिए जाने के आग्रह को ठुकराते हुए उनके वेतन पर रोक लगा दी। अदालत ने भुगतान करने के बाद कोर्ट को इसकी जानकारी देने की बात कही। इस संबंध में शेख अजतुल्ला की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

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    प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शादाब बिन हक ने पक्ष रखते हुए कहा कि प्रार्थी बिहार के समय रेंजर पद पर नियुक्त हुए थे। लेकिन आरोप लगाकर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।

    उन्होंने पटना हाई कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दाखिल की। इस बीच उनका कैडर झारखंड कर दिया गया। हाई कोर्ट ने उन्हें फिर से बहाल करने का निर्देश दिया। सरकार ने उन्हें बहाल कर दिया।

    लेकिन वर्ष 2017 में सरकार ने यह कहते हुए फिर से बर्खास्त कर दिया कि पूर्व का बर्खास्तगी आदेश सही है। इसके बाद झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई।

    एकल पीठ को बताया गया कि प्रार्थी वर्ष 2013 में सेवानिवृत हो गया तो वर्ष 2017 में कैसे बर्खास्त किया जा सकता है। कोर्ट ने सरकार के आदेश को निरस्त करते हुए बकाया भुगतान का आदेश दिया।

    लेकिन इसके खिलाफ सरकार ने अपील दाखिल की थी। इस पर खंडपीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान पीसीसीएफ को तलब किया था।

    गुरुवार को सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि प्रक्रिया पालन करने में समय लगेगा। इसलिए दो सप्ताह का समय दिया जाए।

    इस पर अदालत ने कहा कि 12 साल से किसी का पैसा रोका गया है। इसका पेनाल्टी कौन देगा। इसलिए जब तक प्रार्थी का भुगतान नहीं किया जाता, तब क पीसीसीएफ को वेतन नहीं दिया जाएगा।